बिहार में खत्म हुई राजस्व कर्मियों की हड़ताल, समय से पहले समाप्ति, विभाग को दी जानकारी

पटना। बिहार राज्य में पिछले कई दिनों से चल रही राजस्व कर्मियों की हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई है। सात मई से शुरू हुई यह हड़ताल राज्यभर के लगभग चार हजार राजस्व कर्मचारियों द्वारा की जा रही थी। इन कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर जारी इस हड़ताल के कारण सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा था। लेकिन अब, सरकार द्वारा निर्धारित समयसीमा से पहले ही हड़ताल को वापस ले लिया गया है।
समय से पहले हड़ताल की समाप्ति
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को तीस मई तक कार्य पर लौटने का अंतिम अल्टीमेटम दिया गया था। विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया था कि जो कर्मचारी तीस मई, शुक्रवार शाम पांच बजे तक ड्यूटी पर वापस लौटेंगे, उन्हें हड़ताल की अवधि के लिए उपार्जित अवकाश स्वीकृत कर सेवा में नियमित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, इसके बाद लौटने वाले कर्मचारियों को “नो वर्क, नो पे” के सिद्धांत पर वेतन का भुगतान किया जाएगा और उनकी सेवा नियमित करने के विषय में विभाग अलग से निर्णय लेगा।
राजस्व संघ ने विभाग को दी जानकारी
हड़ताल समाप्त करने की सूचना खुद राजस्व कर्मियों के संघ द्वारा विभाग को लिखित पत्र के माध्यम से दी गई है। यह स्पष्ट संकेत है कि कर्मियों ने सरकार की चेतावनी और अपील को गंभीरता से लिया है। अब विभाग और संघ के बीच संवाद स्थापित होने की संभावना है, जहां कर्मचारियों की मांगों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
कई कर्मचारी पहले ही लौट चुके थे ड्यूटी पर
राज्य सरकार द्वारा 21 मई को जारी सूचना के अनुसार सभी हड़ताली कर्मियों को प्रेस विज्ञप्ति के प्रकाशन के तीन दिनों के अंदर ड्यूटी पर लौटने को कहा गया था। इसके अनुपालन में कई जिलों के जिलाधिकारियों ने रिपोर्ट दी थी कि काफी संख्या में कर्मचारी पहले ही अपनी ड्यूटी पर लौट चुके हैं। यह दर्शाता है कि एक बड़ी संख्या में कर्मचारी सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए तत्पर थे।
अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी था दबाव
राजस्व विभाग के सचिव जय सिंह ने हड़ताल से वापस न लौटने वाले कर्मचारियों के लिए स्पष्ट निर्देश दिए थे कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी। साथ ही, अगर किसी कर्मचारी ने विभाग से प्रदत्त लैपटॉप को समय पर अपने पदस्थापन स्थल पर वापस नहीं किया, तो उसके विरुद्ध पीडीआर एक्ट के तहत वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इन सख्त निर्देशों और संभावित कार्रवाई के कारण भी कर्मचारियों ने समय रहते हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया।
जिलाधिकारियों को निर्देश
सचिव ने सभी जिलों के डीएम को यह भी निर्देशित किया है कि वे उन कर्मचारियों की सूची जल्द से जल्द विभाग को भेजें, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है या की जा रही है। इससे विभाग को स्थिति की समग्र जानकारी मिल सकेगी और आगे की नीतिगत कार्रवाई तय की जा सकेगी। बिहार में राजस्व कर्मियों की हड़ताल का समय से पहले समाप्त होना एक सकारात्मक संकेत है। इससे न केवल प्रशासनिक कार्य में स्थिरता आएगी, बल्कि कर्मचारियों और सरकार के बीच संवाद की राह भी खुलेगी। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विभाग कर्मचारियों की मांगों पर क्या रुख अपनाता है और भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।

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