पटना में 19 जून तक बंद रहेंगे आठवीं तक के स्कूल; शिक्षकों को आना होगा, डीएम का आदेश जारी
पटना। बिहार में भीषण गर्मी का कहर जारी है, और आसमान से बरसती आग के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। पटना समेत कई जिलों में भीषण गर्मी को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसी के मद्देनजर, पटना और गया के जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है। पटना के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि 18 और 19 जून तक उष्ण लहर की स्थिति बने रहने की संभावना है, इसलिए आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूल 19 जून तक बंद रहेंगे। हालांकि, शिक्षकों को स्कूल आना होगा। डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि उष्ण लहर के कारण छात्रों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है। शिक्षकों को अपने कार्यालय कार्य करने की अनुमति दी गई है, और वे ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं का संचालन कर सकते हैं। यह आदेश 19 जून तक प्रभावी रहेगा। वहीं, गया के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने भी 18 जून से 19 जून तक जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा तक के पठन-पाठन कार्य को बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही, सभी कोचिंग संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों को भी इस अवधि तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। जिला पदाधिकारी गया ने जिलेवासियों से अपील की है कि आपदा विभाग द्वारा हीट वेव को लेकर जारी किए गए एडवाइजरी का पूरी तरह पालन करें। मौसम विभाग ने बिहार के 12 जिलों में भीषण लू का अलर्ट जारी किया है। इनमें पटना, नालंदा, गया, औरंगाबाद, रोहतास, शेखपुरा, नवादा, कैमूर, बक्सर, छपरा, अरवल और भोजपुर शामिल हैं। इसके अलावा, सीवान, बेगूसराय समेत अन्य जिलों में भी हीटवेव का पूर्वानुमान है। बीते 24 घंटे में लगातार पांचवें दिन रविवार को बक्सर जिला सबसे ज्यादा गर्म रहा, जहां का अधिकतम तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ गया है, जिसके कारण मानसून की बारिश में दो से तीन दिनों की देरी हो सकती है। इस बढ़ती गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है ताकि बच्चों और आम जनता को सुरक्षित रखा जा सके। इस दौरान, लोगों को सलाह दी गई है कि वे घर से बाहर निकलने से बचें और यदि आवश्यक हो तो पूरी सावधानी बरतें। स्कूल बंद होने के बावजूद, शिक्षकों से उम्मीद की जा रही है कि वे ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्रों की शिक्षा जारी रखें और किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।


