घूस लेने के आरोपित व बर्खास्त सिपाही को पटना हाईकोर्ट से राहत, नौकरी बहाल करने का आदेश

पटना। कैमूर जिले के मोहनिया थाना में तैनात सिपाही आनंद कुमार सिंह को पटना हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करते हुए उसे फिर से नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने विभाग को आवेदक सिपाही के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने की पूरी छूट दी है।
न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। आवेदक की नियुक्ति कैमूर जिला के मोहनिया थाना में 3 दिसम्बर 2015 को हुई थी। दीपक चौबे नामक एक व्यक्ति ने एसपी के पास शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि मोहनिया थाना के इंस्पेक्टर उससे घूस की मांग कर रहे हैं और आवेदक सिपाही से मिलने की बात कही गई है। 6 अक्टूबर 2015 को एक हजार रुपया घूस लेते पकड़े जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। इसके बाद उसे सेवा से निलंबित कर दिया गया और 10 जुलाई 2017 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
इस बीच जेल से छूटने के बाद आवेदक जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुआ और पाया कि विभाग उसके मामले में प्रेजेंटिंग आॅफिसर की नियुक्ति नहीं की गई और जांच अधिकारी ही प्रेजेंटिंग आॅफिसर के रूप में कार्य कर रहे हैं। आवेदक ने कोर्ट को बताया कि जांच अधिकारी ने इस मामले में स्वतंत्र रूप से काम नहीं किया है।
आवेदक की ओर से पेश दलील पर राज्य सरकार के वकील ने कोई जवाब नहीं दिया। माना कि इस केस में प्रेजेंटिंग आॅफिसर की तैनाती नहीं की गई है। कोर्ट ने आवेदक की बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करते हुए उसे फिर से नौकरी में बहाल रखने का आदेश दिया। हालांकि कोर्ट ने विभाग को प्रेजेंटिंग आॅफिसर बहाल कर कार्रवाई करने की पूरी छूट दी है।

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