लोकगायिका शारदा सिन्हा को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पेंशन भुगतान नहीं करने का सरकारी आदेश हुआ निरस्त
पटना। लोकगायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा सहित 15 अन्य रीडरों की सेवा को अवैध करार देने और पेंशन एवं अन्य बकाये राशि के भुगतान नहीं देने के सरकारी आदेश को पटना हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया। न्यायाधीश हरीश कुमार की एकलपीठ ने शारदा सिन्हा एवं डा. उदय चंद्र मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए गत वर्ष पारित सरकारी आदेश को निरस्त कर दिया। अधिवक्ता शशि भूषण सिंह ने कोर्ट को बताया कि सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त याचिकाकर्ताओं को रीडर के पद पर प्रोन्नति दी गई थी। दरभंगा स्थित एलएन मिश्रा विश्वविद्यालय द्वारा आवेदकों सहित 16 को नियमित नहीं किया गया, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने पूर्णपीठ के आदेश के आलोक में कार्रवाई करने का आदेश दिया। उसके बाद विश्वविद्यालय ने एक समिति का गठन कर पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए 16 रीडरों की सेवा को नियमित कर दिया। बाद में सभी अपने-अपने पदों से सेवानिवृत्त हुए। उनका कहना था कि उच्च शिक्षा के निदेशक ने 20 फरवरी, 2023 को तार्किक आदेश जारी कर कहा कि बिना पदसृजन और नियुक्ति के पूर्व समुचित विज्ञापन का प्रकाशन नहीं किया गया। विज्ञापन प्रकाशित किया गया, जिसे समुचित विज्ञापन नहीं माना जा सकता। विभाग ने नियुक्ति को अवैध मानकर सभी 16 शिक्षकों को कोई लाभ नहीं देने का आदेश दिया। सरकारी आदेश की वैधता को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई।