December 8, 2025

टीआरई-4 में 26 हजार से अधिक पदों पर होगी बहाली, बीपीएससी को भेजी गई रिक्तियां, शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

पटना। बिहार में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर लंबे समय से जारी इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की है कि चौथे चरण की शिक्षक भर्ती यानी टीआरई-4 में 26 हजार से अधिक पदों पर बहाली की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी और रिक्तियां जल्द ही बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को भेज दी जाएंगी।
26 हजार से अधिक पदों पर भर्ती
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस चरण में 26 हजार से ज्यादा पदों को भरने की योजना है। इन पदों का निर्धारण स्कूलों की विषयवार जरूरत और छात्रों की संख्या को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीटें किसी तरह से कम नहीं हैं और यह संख्या पर्याप्त है।
रिक्तियों का भेजना और नई बहाली
मंत्री ने बताया कि अगले 4 से 5 दिनों के भीतर रिक्तियां बीपीएससी को भेज दी जाएंगी। यदि इसके बाद भी सीटें बचती हैं, तो उन्हें पांचवें चरण यानी टीआरई-5 में जोड़ा जाएगा। इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी पद खाली न रह जाए और नियोजन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
एसटीईटी 2025 का आयोजन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षा मंत्री ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2025 के आयोजन की भी घोषणा की। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यह परीक्षा आयोजित करेगी।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 19 सितंबर से 27 सितंबर 2025 तक चलेगी।
परीक्षा 12 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 के बीच आयोजित की जाएगी।
परिणाम 16 नवंबर 2025 को घोषित कर दिया जाएगा।
इस परीक्षा को शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि पात्रता प्राप्ति के बिना वे नियोजन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते।
अभ्यर्थियों का प्रदर्शन और नाराजगी
भर्ती प्रक्रिया में देरी और सीमित सीटों को लेकर टीआरई-4 के अभ्यर्थियों ने लगातार आवाज उठाई है। 19 सितंबर 2025 को अभ्यर्थियों ने पटना कॉलेज से मार्च निकाला और सीएम आवास का घेराव करने की योजना बनाई थी। हालांकि, पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के पास ही रोक दिया। भारी बारिश के बावजूद अभ्यर्थी तीन घंटे तक वहीं डटे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इससे पहले 9 सितंबर को भी जब अभ्यर्थी सीएम आवास तक पहुंचे थे तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसमें कई उम्मीदवार घायल हुए थे। लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों से यह साफ है कि अभ्यर्थियों में सरकार की कथित देरी को लेकर नाराजगी बनी हुई है।
छात्र नेताओं का दावा
छात्र नेता दिलीप और अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव से मुलाकात कर अपनी चिंताएं रखीं। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकारी नौकरी के अलावा अभ्यर्थियों के पास कोई वैकल्पिक रोजगार का साधन नहीं है। ऐसे में सरकार को अपने वादों को निभाना चाहिए और भर्ती प्रक्रिया को बिना देरी के पूरा करना चाहिए। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार बार-बार वादे करती है लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया को खींचती रहती है। उनके अनुसार, राज्य में लाखों योग्य उम्मीदवार बेरोजगार बैठे हुए हैं और 26 हजार पद पर्याप्त नहीं हैं। उनका तर्क है कि सीमित सीटों से बेरोजगारी की समस्या और गहरी हो जाएगी।
जिलों में रोस्टर क्लीयरेंस
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अभी 2 से 3 जिलों का रोस्टर क्लियरेंस जारी है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी रिक्तियां बीपीएससी को भेज दी जाएंगी। इससे स्पष्ट है कि सरकार अपने स्तर पर तय समयसीमा में सारी प्रक्रिया निपटाने की कोशिश कर रही है।
सरकार का तर्क
शिक्षा मंत्री ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सीटें बढ़ाने की मांग लगातार उठ रही है, लेकिन सरकार सब्जेक्ट वाइज आवश्यकताओं और छात्रों की संख्या को ध्यान में रखकर ही वैकेंसी निकालती है। हर भर्ती में आंकड़े उसी आधार पर तय होते हैं और इस बार भी प्रक्रिया पूरी तरह से व्यवस्थित ढंग से की जा रही है।
भर्ती प्रक्रिया को लेकर उम्मीदें
टीआरई-4 की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही लाखों बेरोजगार युवाओं को उम्मीद जगी है कि अब उनकी प्रतीक्षा खत्म होगी। हालांकि, उम्मीदवारों की ओर से अभी भी सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि यदि सरकार वास्तव में बेरोजगारी की समस्या से निपटना चाहती है तो उसे वैकेंसी अधिक करनी होगी। बिहार में टीआरई-4 के तहत 26 हजार से अधिक पदों पर शिक्षक बहाली का रास्ता साफ हो गया है। सरकार का दावा है कि यह भर्ती संख्या पर्याप्त है और इसे जल्द ही बीपीएससी के हवाले कर दिया जाएगा। दूसरी ओर अभ्यर्थी लगातार अधिक पदों की मांग कर रहे हैं और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि आगामी दिनों में यह प्रक्रिया कितनी तेजी से आगे बढ़ती है और अभ्यर्थियों की उम्मीदें किस हद तक पूरी हो पाती हैं।

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