बिहार में अब वारंट और कुर्की के लिए कोर्ट से डिजिटल रूप में मिलेगा ऑर्डर, पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग जारी

पटना। बिहार पुलिस ने नए कानूनों के अनुपालन और डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। पटना के बापू सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण तीन दिन तक चलेगा, जिसमें कुल 25 हजार पुलिसकर्मी हिस्सा लेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन फेज में आयोजित किया जा रहा है। वेब कास्टिंग के माध्यम से बिहार के विभिन्न जिलों के अनुसंधानकर्ता और सुपरवाइजिंग ऑफिसर भी इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। इसमें भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने किया। एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों को नए अपराधिक कानूनों के अलावा, अनुसंधान के समय विधि विज्ञान का उपयोग और डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा देने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। गंभीर अपराधों के घटनास्थल से साक्ष्य कैसे संकलित करने हैं, और घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कैसे करनी है, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विधि विज्ञान के विशेषज्ञ भी इस प्रशिक्षण में शामिल हैं और वे पुलिस पदाधिकारियों को मार्गदर्शन देंगे। बिहार पुलिस ने अपने डिजिटलाइजेशन का कार्य पूरा कर लिया है और जल्द ही सीसीटीएनएस को आईसीजेएस से जोड़ दिया जाएगा, जिससे पुलिस पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप और स्मार्टफोन भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनके काम में सहूलियत होगी। एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने यह भी बताया कि बहुत जल्द कोर्ट से वारंट और कुर्की के ऑर्डर भी डिजिटल रूप में ही प्राप्त होंगे। इस दिशा में काम तेजी से चल रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य पुलिस को आधुनिक तकनीकों से लैस करना और उन्हें नए कानूनों के अनुसार काम करने के लिए तैयार करना है, ताकि वे अधिक प्रभावी और सटीक तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि जल्द ही कोर्ट से वारंट और कुर्की के ऑर्डर भी डिजिटल रूप में ही मिलेंगे। इस दिशा में कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली और अधिक प्रभावी और पारदर्शी होगी। पुलिस अब पूरी तरह से डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रही है, और सीसीटीएनएस को जल्द ही आईसीजेएस से जोड़ दिया जाएगा। अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप और स्मार्टफोन भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनके काम में सहूलियत होगी। प्रशिक्षण का उद्देश्य 1 जुलाई से लागू होने वाले भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में गहन जानकारी प्रदान करना है।

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