जदयू में आरसीपी पर घमासान जारी : उपेंद्र कुशवाहा ने की तुरंत मंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग, बोले- अब मंत्री बने रहने का कोई औचित्य नहीं

पटना। केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह को लेकर जदयू में घमासान छिड़ा हुआ है। जदयू में उनकी जगह लगातार सिकुड़ती जा रही है। उनका राज्यसभा टिकट काटे जाने के बाद अब पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही है। कुशवाहा ने कहा कि आरसीपी को नैतिकता के आधार पर अपना पद छोड़ देना चाहिए। मंगलवार को जेडीयू ने आरसीपी के करीबी नेताओं को भी अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया। उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि जब तक कोई व्यक्ति संसद का सदस्य है, तब तक आराम से मंत्री रह सकता है। अगर सदस्यता नहीं है तो नैतिकता होनी चाहिए। आरसीपी सिंह को इस्तीफा देने में देर नहीं करनी चाहिए। अब इसके बाद आरसीपी के केंद्र में मंत्री बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि, जब कुशवाहा से पूछा गया कि आरसीपी सिंह की पार्टी में भूमिका क्या रहेगी, तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी का एजेंडा नहीं है। यह उन्हें ही तय करना है।
आरसीपी की राज्यसभा सदस्यता 7 जुलाई को हो रही खत्म
इसके पहले जेडीयू ने मंगलवार को बिहार के प्रवक्ता अजय आलोक, प्रदेश महासचिव अनिल कुमार, विपीन यादव और पूर्व में भंग हो चुके समाज सुधार सेना प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र नीरज को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया। इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने के चलते पार्टी से बाहर निकाला गया है। वही बताया जा रहा हैं की ये चारों नेता केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के करीबी हैं। इस तरह जेडीयू नेतृत्व ने साफ कर दिया कि आरसीपी सिंह का साथ देने वालों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है। पिछले कुछ महीनों के राजनीतिक घटनाक्रमों से साफ हो गया है कि जेडीयू नेतृत्व आरसीपी सिंह से खफा है। वैसे तो इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है। वही आगामी 7 जुलाई को आरसीपी की राज्यसभा सदस्यता खत्म हो रही हैं।

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