बेगूसराय में नाबालिक के साथ दरिंगदगी, रेप के बाद हुई हत्या, पूर्व मंत्री के पोखर में मिली लाश
बेगूसराय। बेगूसराय जिले से आई एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है। दुर्गा पूजा के दौरान एक 13 वर्षीय नाबालिक बच्ची के साथ दरिंदगी की गई और उसके बाद उसकी हत्या कर शव पोखर में फेंक दिया गया। यह पोखर पूर्व मंत्री मंजू वर्मा का बताया जा रहा है, जिसके कारण घटना ने और अधिक राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। इस घटना ने ग्रामीणों के बीच आक्रोश और असुरक्षा की भावना को गहरा कर दिया है।
घटना का विवरण
खबरों के मुताबिक, करंजापुर गांव की 13 वर्षीया किशोरी गुरुवार की शाम अपने दोस्तों और परिवार के साथ मेला देखने गई थी। रात देर तक जब वह घर नहीं लौटी तो परिवार के लोग चिंतित होकर बेटी की तलाश में निकल पड़े। उन्होंने मेला स्थल पर जाकर कई बार लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट भी कराया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। परिवार और ग्रामीण पूरी रात खोजबीन करते रहे लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चला।
शव की बरामदगी
शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने गांव के पोखर में बच्ची की लाश तैरती हुई देखी। शव देखने के बाद गांव में सनसनी मच गई और भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए। मृतका की पहचान होते ही उसके परिजन बिलख पड़े और पूरे गांव पर शोक और आक्रोश का माहौल छा गया। लोगों का आरोप है कि बच्ची के साथ पहले रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर शव पोखर में फेंक दिया गया।
दरिंदगी की आशंका
यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को गांव के ही एक विवाह भवन में ले जाया गया, जहां उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया। यह विवाह भवन पूर्व मंत्री के परिवार का बताया जा रहा है। पुलिस को आशंका है कि वारदात यहीं पर हुई और सबूत छिपाने के लिए शव को पोखर में फेंका गया। इस बर्बरता ने लोगों में गुस्सा और दर्द दोनों को और गहरा कर दिया है।
परिजनों का दर्द
पिता ने बताया कि जब बेटी घर नहीं लौटी तो उन्होंने हर संभव प्रयास करके उसे ढूंढने की कोशिश की। रातभर खोजबीन करने के बावजूद बच्ची का कोई पता नहीं चला। सुबह उसकी लाश मिलने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां-बाप और परिजन रो-रोकर बेहाल हैं और इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। यह घटना केवल उनके परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे गांव की आत्मा को झकझोर देने वाली है।
प्रशासनिक हलचल
घटना की गंभीरता देखते हुए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इलाके में तनाव का माहौल है और लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और वारदात की जांच तेज कर दी है। अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर किन परिस्थितियों में बच्ची मेला से गायब हुई और उसे विवाह भवन तक कैसे लाया गया।
ग्रामीणों का गुस्सा और माहौल
गांव में इस घटना के बाद भारी जनाक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्ची के साथ हुई हैवानियत किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लोग खुलेआम कह रहे हैं कि अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जानी चाहिए। चूंकि घटना पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के परिवार से जुड़ी संपत्ति में हुई बताई जा रही है, इसलिए इसका राजनीतिक असर भी दिखने लगा है।
जांच की चुनौतियां
मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें राजनीतिक नाम जुड़ने के कारण पुलिस पर दबाव और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गई है। अधिकारियों का कहना है कि वे हर एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच से यह साफ हो जाएगा कि बच्ची के साथ दरिंदगी किस तरह से हुई और उसकी मौत का वास्तविक कारण क्या रहा।
सामाजिक और राजनीतिक असर
यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है बल्कि समाज में सुरक्षा की भावना पर भी गहरी चोट करती है। जिस समय लोग दुर्गा पूजा जैसे पर्व का आनंद ले रहे थे, उस समय एक मासूम बच्ची अपनी जिंदगी बचाने की जंग हार रही थी। राजनीतिक रूप से भी यह घटना गंभीर मानी जा रही है क्योंकि इसमें पूर्व मंत्री के परिवार से जुड़ी संपत्ति का नाम सामने आना स्थानीय स्तर पर बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है। बेगूसराय में हुई इस वारदात ने समाज को गहरे आघात में डाल दिया है। एक मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और उसकी हत्या समाज की उस बर्बर तस्वीर को दिखाती है जिसे रोकने के लिए सख्त कानून और संवेदनशील प्रशासनिक कदमों की जरूरत है। यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि व्यवस्था की लापरवाही का भी प्रतीक है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि पुलिस अपराधियों को कितनी जल्दी पकड़ती है और पीड़ित परिवार को न्याय कैसे दिलाया जाएगा। समाज की मांग है कि इस मामले में न सिर्फ आरोपी बल्कि उन्हें संरक्षण देने वालों को भी कड़ी सजा मिले ताकि आगे कोई भी मासूम इस तरह की हैवानियत का शिकार न हो।


