रणवीर सेना सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया का ‘भूत’ विधानसभा चुनाव में जिंदा होगा,आज के दिन ही हुई थी हत्या,अब तक नहीं पकड़े जा सके हत्यारे
पटना।(बन बिहारी)बिहार के बहुचर्चित रणवीर सेना के सुप्रीम कमांडर ब्रह्मेश्वर सिंह मुखिया की आज आठवीं पुण्यतिथि है।रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर मुखिया के समर्थक आज उनकी शहादत दिवस मना रहे हैं। सोशल मीडिया में रणवीर सेना सुप्रीमो के शहादत दिवस की कई पोस्ट रन कर रहें हैं।मगर आज 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक रणवीर सेना के सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया के हत्यारों को पुलिस तथा सीबीआई पकड़ नहीं सकी।रणवीर सेना सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया के समर्थकों का मानना है कि उनकी मौत भुलाया नहीं भूली जा सकेगी आसन्न विधानसभा चुनाव में ब्रह्मेश्वर मुखिया का ‘भूत’ सरकार से जवाब तलब करेगा।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 के 1 जून को आरा में रणवीर सेना सुप्रीमो के गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।तब बिहार में भारी बवाल मच गया था।राजधानी पटना में उनके शवयात्रा के दौरान पुर सरकारी तंत्र बैकफुट पर आ गया था। ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने हत्या से संबंधित जानकारी देने के लिए आम लोगों से अपील की है साथ ही जानकारी देने वाले को 10 लाख का इनाम देने की घोषणा की गई है। पिछले साल जारी किए गए पोस्टर में सीबीआई ने फोन और मोबाइल नंबर भी जारी किया है, ताकि कोई आम आदमी भी जानकारी होने पर उस नंबर पर फोन कर सके।

सीबीआई द्वारा जारी पोस्टर को शहर में कई सार्वजनिक जगहों पर लगाया गया था। आज से 8 वर्ष पहले 1 जून 2012 को आरा के कतिरा मुहल्ले में अहले सुबह 4 बजे हुए बरमेश्वर मुखिया की हत्या कर दी गई थी।इस हत्याकांड में शामिल अपराधियों का अब तक पता नहीं लग पाया है और पुलिस सीबीआई तथा सरकार को आज तक हत्यारों की तलाश है।ज्ञातव्य हो की विगत 1 जून 2012 को आरा के नवादा थाना के कतिरा मुहल्ले में अहले सुबह 4 बजे मॉर्निंग वॉक के दौरान अपराधियों ने बरमेश्वर मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी थी।हत्या के बाद आरा और फिर राजधानी पटना में ब्रह्मेश्वर मुखिया समर्थकों ने जमकर हंगामा किया था। हत्याकांड के बाद जांच करते हुए पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में आठ लोगों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी। मामले का राजनीतिकरण तथा असली हत्यारों के पुलिस पकड़ से बाहर रहने के कारण बाद में इस केस को केंद्रीय जांच ब्यूरो के जिम्मे सौंप दिया गया था। हालांकि सीबीआई को भी 8 वर्ष बीत गए इस मामले की जांच करते हुए।मगर अभी तक कोई ठोस सफलता हाथ नहीं लगी है।हत्यारों के ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीबीआई के द्वारा इनाम जारी किए गए 1 वर्ष से ऊपर बीत गया।मगर अब तक किसी ने सुराग देने की हिमाकत नहीं जुटाई।

