राजनीतिक ‘दबंग’ मुन्ना शुक्ला का ‘नोटा’,वैशाली में जमकर पड़ेगा ‘सोंटा’!

वैशाली। वैशाली लोकसभा में चुनाव आगामी 12 मई को होने वाला है। वैशाली लोकसभा में महागठबंधन तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई हैं।महागठबंधन की ओर से राजद के वरिष्ठ नेता डॉ रघुवंश सिंह, जो यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं, उम्मीदवार हैं।वहीं लोजपा की ओर से जद यू विधान पार्षद दिनेश सिंह की पत्नी वीणा सिंह मैदान में उतरी हुई हैं। दोनों तरफ से अपने-अपने पक्ष में समीकरण को बनाने के प्रयास जारी हैं।राजद उम्मीदवार वीणा सिंह के समर्थन में भाजपा-जदयू तथा लोजपा के बड़े नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी हैं।वही राजद उम्मीदवार रघुवंश सिंह बेहद मजबूती के साथ राजग के मंसूबों पर पानी फेरने की तैयारी में कमर कस चुके हैं। वैशाली लोकसभा में आज मतदान का आखिरी दिन है।वैशाली में इस बार जीत और हार के बीच भूमिहार समाज की नाराजगी बड़ी ‘इम्पोर्टेन्ट फैक्टर’ साबित हो रही हैं।बताते चलें कि उत्तर बिहार के दिग्गज नेता एवं बाहुबली पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला के द्वारा की गई मतदान में नोटा के प्रयोग की अपील ने वैशाली के चुनावी लडाई की मौजूदा परिदृश्य को बदल कर रख दिया है। ज्ञात हो कि हाजीपुर लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और उनकी पूर्व विधायक पत्नी अन्नू शुक्ला ने नोटा का प्रयोग किया था और इससे संबंधित वीडियो भी जारी किया था। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला का राजनितिक प्रभाव हाजीपुर तथा मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र से बहुत ज्यादा वैशाली संसदीय क्षेत्र में है। इसलिए मुन्ना शुक्ला के द्वारा चलाए गए नोटा फैक्टर का ज्यादा गहरा प्रभाव वैशाली के चुनावी परिणाम में देखने को मिलेगा जानकार सूत्रों के अनुसार वैशाली में ब्रह्मर्षि समाज अगर नोटा की ओर कदम बढ़ाता है,तो राजग के लिए जीत मुश्किल होगी।क्योंकि अभी तक वहां के भूमिहार वोटर राजग के पक्ष में मतदान करते रहे हैं। बहरहाल वैशाली के चुनाव परिणाम में नोटा का क्या प्रभाव रहता है। यह देखने वाली बात होगी।

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