बीसीसीआई के नए कार्यवाहक अध्यक्ष बनेंगे राजीव शुक्ला, रोजर बिन्नी की जगह लेंगे, मीटिंग के बाद मिलेगी पावर

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में जल्द ही नेतृत्व परिवर्तन होने वाला है। वर्तमान अध्यक्ष रोजर बिन्नी का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है और उनकी जगह वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला को बोर्ड की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सूत्रों की मानें तो जुलाई में ही शुक्ला कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लेंगे और इसके बाद उन्हें स्थायी अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया जाएगा।

रोजर बिन्नी का कार्यकाल समाप्ति की ओर
बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी, जो पूर्व क्रिकेटर भी रह चुके हैं, 19 जुलाई को अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे। वह 70 वर्ष के हैं और बोर्ड के नियमों के अनुसार उन्हें पद से हटना होगा। बिन्नी के नेतृत्व में बीसीसीआई ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, लेकिन अब बोर्ड की कमान एक अनुभवी प्रशासक के हाथों में जाने वाली है।
राजीव शुक्ला को मिलेगी कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी
राजीव शुक्ला को सबसे पहले तीन महीने के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। यह अवधि अगस्त से लेकर सितंबर तक की होगी। इसके बाद जब सितंबर में बीसीसीआई की सालाना आम बैठक (एजीएम) आयोजित होगी, तब उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में औपचारिक रूप से चुना जाएगा। यह प्रक्रिया बीसीसीआई की पारंपरिक कार्यप्रणाली के अनुरूप होगी, जिसमें सभी राज्य इकाइयों की सहमति से अध्यक्ष का चयन किया जाता है।
अनुभव और वरिष्ठता ने दिलाया मौका
राजीव शुक्ला भारतीय क्रिकेट प्रशासन का एक जाना-पहचाना नाम हैं। वह लंबे समय से बीसीसीआई और आईपीएल में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। साथ ही वह एक कुशल राजनेता भी हैं और वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। उनकी संगठनात्मक क्षमता, राजनीतिक समझ और क्रिकेट प्रशासन में अनुभव को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
शुक्ला के सामने होंगी कई चुनौतियां
हालांकि राजीव शुक्ला को क्रिकेट प्रशासन का अच्छा अनुभव है, लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में उनके सामने कई अहम चुनौतियां रहेंगी। आने वाले समय में भारत में घरेलू क्रिकेट को और मज़बूत करना, महिला क्रिकेट के विकास पर ध्यान देना, आईपीएल के आयोजन को सुचारू बनाए रखना और आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की तैयारी जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य उनकी प्राथमिकता में रहेंगे।
बीसीसीआई में नेतृत्व परिवर्तन का राजनीतिक पहलू
बीसीसीआई में अक्सर नेतृत्व परिवर्तन को राजनीति से जोड़कर देखा जाता है। राजीव शुक्ला का नाम भाजपा और कांग्रेस दोनों से जुड़ा रहा है, लेकिन वे लंबे समय से क्रिकेट प्रशासन में सक्रिय हैं। यह भी देखा जा रहा है कि उनका अध्यक्ष बनना एक संतुलित राजनीतिक समझ का नतीजा है, जिससे बोर्ड में स्थिरता बनी रहेगी।
क्रिकेट प्रेमियों को नए नेतृत्व से उम्मीदें
क्रिकेट प्रेमियों की नजर अब बीसीसीआई के इस नए नेतृत्व पर टिकी है। राजीव शुक्ला के पास न सिर्फ क्रिकेट की अच्छी समझ है, बल्कि वे प्रशासकीय अनुभव में भी माहिर हैं। ऐसे में उनसे यह उम्मीद की जा रही है कि वे भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगे। सितंबर में जब वे औपचारिक रूप से अध्यक्ष बनाए जाएंगे, तब उनके सामने भारतीय क्रिकेट के भविष्य को दिशा देने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

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