December 8, 2025

कटिहार में एसयूवी ने लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के ठिकानों पर मारा छापा, पटना समेत कई जगहों पर हुई कार्रवाई

कटिहार/पटना। बिहार सरकार लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इसी कड़ी में विशेष निगरानी इकाई (एसयूवी) ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कटिहार की लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी की। मामला आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा हुआ है।
एक साथ कई जगहों पर छापेमारी
एसयूवी की टीम ने एक साथ तीन अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी शुरू की। पहला ठिकाना कटिहार का मनिहारी इलाका है, जहां श्वेता मिश्रा का निजी आवास स्थित है। इसके अलावा पटना और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी उनके आवास और अन्य परिसरों पर छापेमारी की गई। यह समन्वित अभियान बुधवार सुबह से ही चल रहा है और अभी भी कार्रवाई जारी है।
कटिहार में फुटानी चौक स्थित आवास पर छापा
सबसे पहले एसयूवी की टीम कटिहार के फुटानी चौक स्थित उनके आवास पर पहुंची। वहां दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। जांच के दौरान टीम ने कई कागजातों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कब्जे में लिया है। टीम की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों की मानें तो उन्हें आय से करीब 80 लाख रुपये अधिक संपत्ति के प्रमाण मिले हैं।
कार्यालय में भी कार्रवाई की संभावना
छापेमारी की खबर फैलते ही मनिहारी स्थित लोक शिकायत निवारण कार्यालय में हलचल तेज हो गई। वहां के कर्मचारियों और अधिकारियों में यह चर्चा होने लगी कि एसयूवी की टीम जल्द ही कार्यालय पहुंच सकती है। इस आशंका के कारण कुछ लोग अपने दस्तावेजों और फाइलों को लेकर सतर्क हो गए हैं।
प्रयागराज और पटना में भी कार्रवाई
कटिहार के अलावा पटना और प्रयागराज में भी छापेमारी की खबरें सामने आई हैं। श्वेता मिश्रा के इन दोनों शहरों में भी ठिकाने हैं, जहां से एसयूवी को कई अहम दस्तावेज और संपत्ति से जुड़े कागजात मिलने की उम्मीद है। जांच एजेंसी की माने तो उन्होंने पहले से ही इन परिसरों की निगरानी कर रखी थी और पुख्ता सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
नीतीश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ नीति बिल्कुल स्पष्ट रही है। चाहे वह बड़े अधिकारी हों या छोटे कर्मचारी, सरकार की मंशा है कि सभी के खिलाफ समान रूप से सख्ती दिखाई जाए। इस ताजा कार्रवाई से यह संकेत गया है कि अब लोकसेवकों को अपने आचरण को लेकर बेहद सावधान रहना होगा।
अब आगे क्या?
फिलहाल एसयूवी की टीम जांच में जुटी है और विभिन्न दस्तावेजों को खंगाल रही है। जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है। अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो श्वेता मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी सजा भी तय मानी जा रही है। आमजन भी अब ऐसी कार्रवाइयों को देखकर प्रशासनिक पारदर्शिता की उम्मीद लगाए हुए है। कटिहार की यह कार्रवाई सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम को एक सख्त संदेश है कि भ्रष्टाचार के लिए अब कोई जगह नहीं है। यदि यह अभियान इसी तरह चलता रहा, तो बिहार प्रशासनिक व्यवस्था में धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव आना तय है।

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