बिहार में 11 जनसभाओं को संबोधित करेंगे राहुल, तीन रैलियां करेंगे प्रियंका गांधी, खड़गे भी करेंगे प्रचार
 
                पटना। बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सभी राजनीतिक दल अपने प्रचार अभियान की गति तेज करने में जुट गए हैं। महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने इस बार अपने शीर्ष नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया है। पार्टी के दिग्गज नेता राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे। कांग्रेस का मानना है कि इन नेताओं की मौजूदगी चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती है और महागठबंधन को मजबूत संदेश दे सकती है।
राहुल गांधी की जनसभाओं की तैयारी
कांग्रेस ने राहुल गांधी की 11 चुनावी सभाओं का कार्यक्रम तय किया है। इन सभाओं के माध्यम से पार्टी बिहार के विभिन्न इलाकों में अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहती है। राहुल गांधी की पहली सभा मुजफ्फरपुर के सकरा में निर्धारित है, जहां वे तेजस्वी यादव और अन्य महागठबंधन नेताओं के साथ मंच साझा करेंगे। इसका उद्देश्य यह संदेश देना है कि गठबंधन पूरी तरह एकजुट है और सत्ता परिवर्तन की लड़ाई में साथ खड़ा है। इसके बाद राहुल गांधी दरभंगा के लोआम में दूसरी सभा को संबोधित करेंगे। स्थानीय कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इन सभाओं के लिए तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। सकरा में सभा के लिए प्रशासन की अनुमति भी मिल चुकी है। कांग्रेस का मानना है कि राहुल गांधी की मौजूदगी से ग्रामीण और युवा वोटरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
राहुल गांधी की सभाओं का विस्तृत कार्यक्रम
29 अक्टूबर – मुजफ्फरपुर (सकरा) और दरभंगा (लोआम)
30 अक्टूबर – बरबीघा और नालंदा
2 नवंबर – खगड़िया
4 नवंबर – पूर्णिया और बहादुरगंज
5 नवंबर – औरंगाबाद और वजीरगंज
7 नवंबर – फारबिसगंज और बरारी
इन सभी जगहों पर महागठबंधन यह संदेश देने की रणनीति अपना रहा है कि विपक्ष एकजुट है और बिहार में बदलाव लाने के लिए तैयार है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी का संयुक्त मंच साझा करना इस रणनीति का अहम हिस्सा है।
महागठबंधन की चुनावी रणनीति
महागठबंधन की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि विपक्षी मतों का बिखराव न हो। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की संयुक्त सभाएं बीजेपी और एनडीए के खिलाफ एक मजबूत चुनौती के रूप में देखी जा रही हैं। कांग्रेस और राजद के बीच पिछले कुछ वर्षों में तालमेल बेहतर हुआ है और इस गठबंधन को जनता के सामने एक मजबूत विकल्प के रूप में प्रस्तुत करने की योजना बनाई जा रही है।
प्रियंका गांधी का चुनावी कार्यक्रम
राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा भी बिहार में चुनावी सभाएं करेंगी। कुल छह सभाओं की योजना बन चुकी है। प्रियंका गांधी की सभाओं से कांग्रेस महिला मतदाताओं और युवा वोटरों के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने की उम्मीद कर रही है। प्रियंका गांधी की सभाओं का कार्यक्रम इस प्रकार है:
3 नवंबर – लखीसराय और रोसड़ा
6 नवंबर – गोविंदगंज और चनपटिया
8 नवंबर – कदवा और कस्बा
पहले प्रियंका की सभा बछवाड़ा में भी तय थी, लेकिन गठबंधन के भीतर कुछ सीटों पर ‘दोस्ताना संघर्ष’ की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि शीर्ष नेता उन सीटों पर प्रचार नहीं करेंगे। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला गठबंधन की एकजुटता को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है।
मल्लिकार्जुन खरगे भी संभालेंगे प्रचार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की भी कुल तीन सभाएं प्रस्तावित हैं। पार्टी का मानना है कि उनकी उपस्थिति से दलित और पारंपरिक कांग्रेस समर्थक वोटरों में एकजुटता का संदेश जाएगा। बिहार चुनाव में इस बार महागठबंधन अपनी रणनीति के तहत बड़े नेताओं की रैलियों के माध्यम से एकजुटता का माहौल बनाना चाहता है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और खरगे की सभाएं इसी योजना का हिस्सा हैं। महागठबंधन को उम्मीद है कि संयुक्त प्रचार से जनता के बीच परिवर्तन का संदेश मजबूती से पहुंचेगा और उसका असर मतदान में दिखाई देगा। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि यह रणनीति कितनी सफल होती है।



 
                                             
                                             
                                             
                                        