नित्यानंद राय का तेजस्वी पर हमला, कहा- उनको राघोपुर से हमारा पहलवान हराकर इतिहास रचेगा, बनेगी एनडीए की सरकार
हाजीपुर। हाजीपुर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए की जीत का शंखनाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार की जनता जात-पात या भावनाओं के नहीं, बल्कि विकास, सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों पर वोट करेगी। उन्होंने दावा किया कि वैशाली जिले की सभी आठों सीटें एनडीए के खाते में जाएंगी और बिहार में एनडीए की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनेगी।
पूजा-अर्चना के साथ चुनावी संकल्प
गुरुवार को नित्यानंद राय ने हाजीपुर स्थित प्रसिद्ध पातालेश्वर नाथ मंदिर में जिले के भाजपा और एनडीए उम्मीदवारों के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने भगवान पातालेश्वर नाथ से बिहार में एनडीए की जीत की कामना की। पूजा के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस बार बिहार के लोग भय और भ्रष्टाचार की राजनीति को नकार कर विकास की राह चुनेंगे। उन्होंने कहा कि वैशाली की जनता ने हमेशा सकारात्मक राजनीति का साथ दिया है, और इस बार भी वे जनकल्याणकारी सरकार बनाने में अपना योगदान देंगे।
राघोपुर में “पहलवान” की चर्चा
नित्यानंद राय ने अपने संबोधन में खास तौर पर राघोपुर विधानसभा सीट का जिक्र करते हुए कहा कि राघोपुर की धरती से इस बार हमारा “पहलवान” चुनाव मैदान में उतरा है, जो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को हराकर इतिहास रच देगा। उन्होंने कहा कि यह मुकाबला सिर्फ दो उम्मीदवारों के बीच नहीं, बल्कि “विकास बनाम परिवारवाद” का है। नित्यानंद राय ने आत्मविश्वास के साथ कहा कि इस बार राघोपुर की जनता बिहार को “जंगलराज” की वापसी से बचाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा पहलवान इतना मजबूत है कि तेजस्वी यादव को राजनीति के अखाड़े में हराकर बिहार में नई कहानी लिखेगा।
एनडीए की रणनीति और लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनडीए का लक्ष्य स्पष्ट है — बिहार में स्थिर, विकासशील और सुशासन वाली सरकार बनाना। उन्होंने बताया कि वैशाली जिले की आठ विधानसभा सीटें — राघोपुर, हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, पातेपुर, महुआ, राजापाकर और महनार — एनडीए के खाते में जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में जनता एनडीए की नीतियों से प्रभावित है और एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा दिखाएगी। नित्यानंद राय ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि वैशाली के आठों “धरती पुत्र” अपनी कर्मठता और सेवा भावना से लोगों के बीच जाएं और बिहार के विकास में योगदान दें।
बिहार को “जंगलराज” से बचाने की बात
तेजस्वी यादव पर सीधा निशाना साधते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि राघोपुर की जनता ने पहले भी “जंगलराज” का दौर देखा है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में फिर से वही व्यवस्था आई तो बिहार एक बार फिर अंधकार के रास्ते पर चला जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा पहलवान तेजस्वी को राघोपुर की धरती पर हराकर बिहार को बदनाम होने से और जंगलराज के खतरे से बचाएगा।” केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बिहार की जनता अब बहुत समझदार हो चुकी है। वह जानती है कि विकास किस दिशा में हो रहा है और किसे उसका नेतृत्व करना चाहिए।
एनडीए के उम्मीदवारों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन
पूजा-अर्चना के दौरान हाजीपुर से भाजपा उम्मीदवार अवधेश सिंह, लालगंज से संजय सिंह और राघोपुर से सतीश राय समेत वैशाली जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी मौजूद रहे। नित्यानंद राय ने सभी उम्मीदवारों को एकजुटता के साथ चुनाव मैदान में उतरने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए के सभी कार्यकर्ता और समर्थक एकजुट होकर काम करें, तो बिहार में विपक्ष को कोई मौका नहीं मिलेगा।
विकास, सुरक्षा और स्थिरता पर फोकस
नित्यानंद राय ने कहा कि एनडीए का एजेंडा स्पष्ट है — बिहार को एक समृद्ध, सुरक्षित और स्थायी राज्य बनाना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और बिहार को भी उसी दिशा में आगे ले जाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार ने राज्य में सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि अब यह जिम्मेदारी जनता की है कि वह बिहार को फिर से अराजकता के हवाले न करे। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए का विजन “समृद्ध बिहार, सशक्त बिहार” का है, और इस सपने को साकार करने के लिए हर कार्यकर्ता को अपनी पूरी ताकत लगानी होगी। हाजीपुर में नित्यानंद राय की यह सभा सिर्फ एक चुनावी बयान नहीं, बल्कि एनडीए के आत्मविश्वास का परिचायक थी। राघोपुर सीट को लेकर उनका “पहलवान” वाला बयान चुनावी रणभूमि में जोश और उत्साह भरने वाला साबित हुआ है। अब देखना यह है कि क्या एनडीए वाकई अपने संकल्प को पूरा कर पाती है और बिहार की सत्ता में फिर से वापसी करती है, या तेजस्वी यादव अपनी पारंपरिक सीट को बचाने में सफल रहते हैं। फिलहाल बिहार की राजनीति में राघोपुर का अखाड़ा सबसे चर्चित बन चुका है।


