पटना में सरस्वती पूजा पर मां की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे मूर्तिकार, महंगाई के कारण लगातार घट रही डिमांड

पटना। विद्या की देवी माने जाने वाली मां सरस्वती की पूजा इस बार 26 जनवरी 2022 को की जाएगी। बता दें कि पटना में छात्रों का बड़ा समूह होने के कारण हर बार यहां सरस्वती पूजा की धूम होती है जिसको लेकर जिला प्रशासन भी लगातार मुस्तैदी से अपनी तैयारियों में जुट गया है। जहां एक और सरस्वती पूजा को लेकर बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में तैयारियां जोरों पर है। वहीं राजधानी पटना के मूर्तिकार भी माता की प्रतिमा को अंतिम रूप देने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक इस बार भी पिछले बार की तुलना में सरस्वती पूजा में माता की प्रतिमाओं की अप्रत्याशित बिक्री होने की उम्मीद है। वहीं राजधानी पटना के मूर्तिकार बता रहे हैं कि लगातार महंगाई बढ़ने के कारण इस बार एडवांस बुकिंग कम हुई है और लोग भी अपना बजट कम करते हुए मूर्ति की खरीदारी कर रहे हैं। हालांकि उन्हें यह उम्मीद है कि अभी सरस्वती पूजा में कुछ समय शेष है इसको देखते हुए एक-दो दिन पहले भी बाजार तेज होने की आशंका जताई जा रही है।

वही राजधानी की सड़कों के किनारे मूर्ति बनाने वाले कारीगर भी इसे अंतिम रूप देना शुरू कर दिए हैं। स्थानीय के साथ दूसरे राज्यों के मूर्तिकार भी सरस्वती पूजा का इंतजार करते हैं। इस साल भी बाजार में मिट्टी और पीओपी से बानी मूर्ति मौजूद है। पटना के एक मूर्तिकार ने बताया की वह  40 वर्षों मूर्ति बना रहा हूं। इसी से परिवार का भरण-पोषण होता है। नोटबंदी के बाद कोरोना आने से मूर्ति का पूरा बाजार ठप हो गया। पहले जहां 60 से 70 मूर्तियां बेच लेते थे, वहीं इस बार मात्र 30 मूर्ति बनाया था। जिसमें करीब 20 मूर्ति की ही बुकिंग हो पाई है। अभी भी ढेरों मूर्तियां ऐसे ही रखी हुई है। महंगाई भी बहुत है, जिससे मूर्ति के दामों में बढ़ोतरी हुई है। मजबूरी में सस्ते दामों में मूर्ति बेचना पड़ रहा है। वे बताते हैं कि मिट्टी से बनी मूर्ति 1500 से 3000 तक की बिक रही है। यह मूर्ति के साइज पर निर्भर करता है।

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