बिहार के दोनों गठबंधन महिला मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करें एनडीए तथा महागठबंधन को दी चुनौती-पुष्पम प्रिया चौधरी

पटना।बिहार सहित पूरे देश में आज जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी भागीदारी की राजनीति स्थापित हो चुकी है। इसलिए जरूरी है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राज्य के सभी राजनीतिक दल और विशेषकर दोनों गठबंधन – बीजपी-जेडीयू के नेतृत्व वाली एनडीए और राजद-कांग्रेस के नेतृत्व वाला महागठबंधन दोनों टिकट बंटवारे में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं को दें। साथ ही, दोनों गठबंधन आगामी बिहार चुनाव के लिए महिला मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा करें। यह माँग आज प्रेस वार्ता में द प्लुरल्स पार्टी (दप्पा) की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने रखी। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश जी पंचायतों और नगर प्रशासन में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित कर सकते हैं तो वे और बाक़ी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव में 50 प्रतिशत महिलाओं को विधायक का टिकट क्यों नहीं दे सकते? अभी तो एनडीए सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण भी दिया है तो वे ही इसकी शुरुआत करें। पुष्पम प्रिया चौधरी ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार की मुख्यमंत्री एक महिला बने। पिछले 77 साल में बिहार में 23 मुख्यमंत्रियों में सिर्फ़ एक महिला मुख्यमंत्री बनी हैं और वो भी विशेष परिस्थितियों में। किसी भी राजनीतिक दल की महिला हो लेकिन महिला ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित हो और महिला ही मुख्यमंत्री बने। महागठबंधन की माई-बहिन मान योजना के संदर्भ में पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री बनेगी तो वो बेहतर निर्णय ले पाएगी कि महिलाओं के मान के लिए उनको कितने रुपए महीने मिलने चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी के बयान का हवाला देते हुए बताया कि बहुत सारे लोग बिहार की जातिगत जनगणना को फर्जी मानते हैं और इस बात पर विवाद हो गया है कि किस जाति की कितनी संख्या है। पर यह तो निर्विवाद है कि महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत है। उन्हें उनकी भागीदारी मिलनी चाहिए तभी हम मानेंगे कि पुरुष नेताओं की नीयत में खोट नहीं है। बिहार में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा और उनके प्रति बढ़ रहे अपराध की दृष्टि से भी जरूरी है कि बिहार की अगली मुख्यमंत्री एक महिला हो। पुष्पम प्रिया चौधरी ने दावा किया कि उन्होंने 2020 के चुनाव में बिहार के इतिहास में सबसे ज़्यादा महिलाओं को टिकट दिया था। उस चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाले एनडीए ने मात्र 37 (15 प्रतिशत) तो महागठबंधन ने महज 24 (10 प्रतिशत) महिलाओं को टिकट दिया था जबकि पहली बार चुनाव लड़ रही द प्लुरल्स पार्टी ने 148 में 42 (28 प्रतिशत) महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था। सुश्री चौधरी ने कहा कि इस बार के चुनाव में उनकी पार्टी कम से कम 122 महिलाओं को टिकट देगी जो पूरे देश के चुनावी इतिहास के लिए एक नया कीर्तिमान होगा। प्रेस वार्ता में पुष्पम प्रिया चौधरी ने यह भी सूचित किया कि बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने चुनाव आयोग से मांग कर “सीटी” चुनाव चिह्न लिया है। उन्होंने बताया कि यह कोई मामूली सीटी नहीं है बल्कि विकास के इंजन की सीटी है, कल-कारख़ानों के खुलने की सीटी है, स्कूल-कॉलेज में विद्यार्थियों को बुलाने की सीटी है, खेल का मैदान जीतने की सीटी है, सख़्त क़ानून लागू करने के पुलिस की सीटी है, भ्रष्टाचार के पर्दाफ़ाश की सीटी है, और अंततः विजयी और शक्तिशाली बिहार की सीटी है। पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि वे इसी नारे के साथ चुनाव में जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा है जब भी उनकी सरकार बनी वे हर ज़िले में 5000 एकड़ का स्पेशल इकोनॉमिक जोन स्थापित करेंगी और पूरे बिहार को उद्योग-धंधों से भर देंगीं। जैसे लालू प्रसाद ने पहले पाँच साल सामाजिक न्याय पर फोकस किया और नीतीश कुमार ने सड़क-बिजली पर वैसे ही मैं भी पहले पाँच साल में बिहार में बड़ी संख्या में कल-कारखानों की स्थापना पर ध्यान दूँगी। वार्ता में मौजूद बिहार में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव रहे और अब दप्पा महासचिव अनुपम कुमार सुमन ने बताया कि पिछले चुनाव से सबक लेते हुए बिना शोर-शराबा किए हुए पार्टी आगामी चुनाव के मद्देनजर बूथ स्तर पर संगठन बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है। अब तक लगभग 20000 बूथों पर काम पूरा हो चुका है और चुनाव तक सभी 80000 बूथों पर पार्टी की मजबूत उपस्थिति होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और इसके लिए एक विस्तृत उम्मीदवारी दावा प्रपत्र भी निर्गत किया गया है। किसी भी परिस्थिति में आपराधिक मुकदमे वाले व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाएगा। सभी 243 सीटों के बजाय 100 सीटों पर पार्टी की हर तरीके से विशेष तैयारी होगी। इस बार लक्ष्य दप्पा की सदन में उपस्थिति है।

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