पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा-अभी चुनाव हुए तो हो सकती है लाखों लोगों की मौतें,राष्ट्रपति शासन की मांग
पटना।बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री तथा बिहार नवनिर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक नरेंद्र सिंह ने आज पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर बिहार में तय समय पर चुनाव होगा तो राज्य में लाखों लोगों की मौत हो सकती है।क्योंकि मौजूदा सरकार प्रदेशवासियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के द्वारा जबरन ऐसे समय में चुनाव करवाया जा रहा है।जब एक तरफ तो पूरा प्रदेश कोरोना के चपेट से निकल नहीं पाया है।वहीं दूसरी तरफ उत्तर बिहार पूरी तरह से बाढ़ ग्रस्त है।पूर्व मंत्री ने कहा कि राज्य के वर्तमान हालात को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के विकल्प का पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाता है तो कोई संवैधानिक संकट उत्पन्न नही हो जाएगा।उन्होंने कहा कि अभी राष्ट्रपति शासन लागू करवा कर आगामी मार्च में भी चुनाव करवाया जा सकता है।पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि अभी के हालात चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं है।सत्ता पक्ष न जाने किस साजिश के कारण चुनाव करवाना चाह रहा है।उन्होंने कहा कि उन्हें बिहार की आम आवाम की फिक्र है।इसलिए वे बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग करते हैं।किसानों की समस्या को लेकर नए कृषि बिल के मामले में पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार किसानों को पूरी तरह से बिचौलियों के हवाले करवाना चाहती है।इसलिए इस प्रकार का किसी कानून बना रही है।उन्होंने कहा कि वे पूरे बिहार में आंदोलन चलाकर कृषि बिल को लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि अगर यह कृषि नीति लागू हो गई।तो किसान बिचौलियों के हाथों तबाह होने को मजबूर हो जाएगा।महान समाजवादी नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश सिंह के मौत पर प्रदेश की मौजूदा राजनीति पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीति के गिद्धों के वजह से रघुवंश सिंह की जान चली गई।उन्होंने कहा कि जो लोग पहले विरोध करते थे।वे स्वागत करने लगे तथा जो लोग पहले अभिभावक मानते थे वे निंदा करने लगे।ऐसा माहौल तैयार किया गया,जिसकी वजह से मानसिक प्रताड़ना का शिकार होकर रघुवंश बाबू इस दुनिया से चले गए।उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को रघुवंश बाबू का चरित्र दर्शन करना चाहिए।


