BIHAR : चैत्र पूर्णिमा व हनुमान जयंती पर श्रीहरि की पूजा के साथ हनुमान की हुई आराधना

पटना। सनातन धर्मावलबियों के पवित्र चैत्र मास की पूर्णिमा पर मंगलवार को स्वाती नक्षत्र एवं सिद्धि योग के युग्म संयोग में श्रद्धालुओं में हिन्दू नव वर्ष के प्रथम पूर्णिमा पर गंगाजल से स्नान के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा पंचामृत एवं शुद्ध जल से स्नान के बाद नूतन वस्त्र, चंदन, फूलमाला, धुप, दीप से पूजा के बाद कर्पूर की आरती उतार कर वैश्विक महामारी से निजात हेतु प्रार्थना किये। कई श्रद्धालुओं के घर में भगवान सत्यनारायण की कथा-पूजा भी की गयी। इसी दिन हनुमान जयंती होने से मंदिरों में केवल पुजारियों द्वारा ही विधीवर स्नान आदि कराकर नए वस्त्र धारण करवाया गया। विशेष भोग, आरती भी हुई। हनुमत उपासकों ने व्रत-उपवास करके हनुमान जी की पूजा के बाद हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड का पाठ, हनुमत स्तवन आदि का पाठ कर बीज मंत्रो का जाप किए।
चैत्र पूर्णिमा पर स्नान दान की महत्ता
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने धार्मिक मान्यताओं के आधार पर बताया कि चैत्र पूर्णिमा पर पवित्र नदी, तीर्थ आदि में स्नान संभव नहीं होने से श्रद्धालुओं ने स्नान जल में ही गंगाजल मिलाकर स्नान किया। इससे भी गंगा स्नान का ही फल मिलता है। पूर्णिमा पूजा की शुरूआत प्रत्यक्षदेव भगवान भास्कर को जलार्पण से किया गया, क्योंकि मान्यता है कि सूर्य के तेज में महामारी को नष्ट करने की क्षमता विद्यमान है। हिन्दू धर्मावलंबी हनुमान जी को तेल-सिंदूर का लेप, ध्वज दान, रोट प्रसाद का भोग अर्पण कर अपनी पूजा संपन्न किए।

About Post Author

You may have missed