November 18, 2025

छात्रों के आंदोलन के बाद जागा प्रशासन, मार्च में होगा पीयू छात्रसंघ चुनाव

पटना। पीयू में छात्र संघ चुनावों को लेकर लंबे समय से चल रहे गतिरोध का अंत अब होता दिख रहा है। छात्र संगठनों द्वारा निरंतर आंदोलन और उनकी समस्याओं को देखते हुए प्रशासन और राज्यपाल ने सक्रिय भूमिका निभाई है। इस फैसले के अनुसार, पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव फरवरी-मार्च 2024 में आयोजित किए जाएंगे।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
पटना विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी कई समस्याओं को लेकर लंबे समय से आंदोलन छेड़ रखा था। छात्रावासों की खराब स्थिति, शिक्षा व्यवस्था में सुधार और छात्र संघ चुनाव कराने जैसी मांगें इन आंदोलनों का प्रमुख केंद्र थीं। इन मांगों के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता से छात्रों में आक्रोश बढ़ता गया। परिणामस्वरूप, छात्रों ने अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए आंदोलन का सहारा लिया।
राज्यपाल का हस्तक्षेप
छात्रों के इस आंदोलन ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान खींचा। राज्यपाल, जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, ने मामले का संज्ञान लिया और तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कुलपति और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर छात्रों की समस्याओं का समाधान निकालने पर जोर दिया। इस बैठक में छात्र संघ चुनाव करवाने और छात्रावासों की स्थिति में सुधार लाने का निर्णय लिया गया।
छात्र संघ चुनाव की तारीखों का ऐलान
पटना विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर रजनीश कुमार ने जानकारी दी कि छात्र संघ चुनाव फरवरी-मार्च 2024 में आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिसंबर और जनवरी में विश्वविद्यालय में विभिन्न परीक्षाएं होनी हैं। ऐसे में इन महीनों में चुनाव आयोजित करना उचित नहीं होगा, क्योंकि इससे परीक्षाओं पर असर पड़ सकता है। प्रशासन ने फैसला किया कि फरवरी में चुनाव की अधिसूचना जारी होगी, और मार्च में चुनाव संपन्न होंगे।
छात्रावास समस्या का समाधान
छात्र आंदोलन के दौरान एक बड़ी समस्या, जो बार-बार उठाई गई, वह थी छात्रावासों की खराब स्थिति। छात्रावासों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, साफ-सफाई की स्थिति और अन्य मुद्दे छात्रों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बने हुए थे। इस पर प्रॉक्टर रजनीश कुमार ने कहा कि छात्रावासों की मरम्मत का काम जल्द ही शुरू होगा और इसे पूरा करने के बाद आवंटन प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाएगा।
छात्रों की प्रतिक्रिया
छात्रों ने प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है, लेकिन उनकी प्रमुख शर्त है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक चुनाव की अधिसूचना आधिकारिक रूप से जारी नहीं हो जाती। छात्रों का कहना है कि अधिसूचना में स्पष्ट रूप से तारीखों और प्रक्रियाओं का विवरण होना चाहिए। यदि प्रशासन ने वादा निभाया और अधिसूचना समय पर जारी कर दी, तो आंदोलन तुरंत समाप्त कर दिया जाएगा।
राज्यपाल का निर्देश और आगे की राह
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया कि वे छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता दें और उनके साथ संवाद स्थापित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्रों के हितों की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। उनका मानना है कि विश्वविद्यालय का मूल उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुविधाएं प्रदान करना है। छात्रों के आंदोलन ने प्रशासन को मजबूर कर दिया कि वे अपनी नीतियों और क्रियान्वयन पर गंभीरता से विचार करें। पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि छात्रों के अधिकार और उनकी आवाज़ को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। छात्रावासों की समस्या को हल करना और छात्रों के साथ नियमित संवाद बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। मार्च 2024 में होने वाले ये चुनाव न केवल छात्रों की समस्याओं को हल करने में एक मील का पत्थर साबित होंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि छात्र राजनीति के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा मिले। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र संगठन कैसे इस बदलाव को अमल में लाते हैं।

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