गया में वोट मांगने गए पूर्व सीएम का जबरदस्त विरोध, लोगों ने लगाये मांझी मुर्दाबाद के नारे
गया/पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया लोकसभा से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के टिकट से चुनावी मैदान में है। एनडीए उनके लिए लगातार प्रचार प्रसार भी कर रहा है इसी दौरान जब वह बुधवार को गया में वोट मांगने पहुंचे तो नाराज लोगों ने उनका जमकर विरोध किया। बताया जा रहा है कि इस दौरान मांझी मुर्दाबाद और मांझी वापस जाओ के नारे भी लगाए गए जिससे पूर्व मुख्यमंत्री काफी गुस्से में दिखाई दिए। बताया जा रहा है कि मांझी चुनाव प्रचार के लिए जिले के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत डंगरा पहुंचे थे। इस क्रम में वहां लोगों ने उनका जमकर विरोध किया।उनके साथ उनकी समधन ज्योति देवी भी मौजूद थीं। बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र की विधायक ज्योति देवी हैं, जो हम पार्टी से आती हैं। बताया जा रहा है कि सड़क नहीं बनने से यहां के लोग नाराज थे और उन्होंने विरोध किया।
सड़क नहीं बनने से नाराज हैं लोग
एनडीए से हम के कैंडिडेट जीतनराम मांझी अपनी समधन बाराचट्टी विधायक ज्योति देवी के साथ लोकसभा के चुनाव प्रचार के लिए निकले थे। चुनाव प्रचार के दौरान डंगरा पहुंचे तो वहां एनडीए कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया लेकिन सड़क को लेकर नाराज ग्रामीणों ने जीतन राम मांझी का विरोध करना शुरू कर दिया। रोड नहीं बनने से काफी संख्या में लोग वहां पहुंचे और नाराजगी दिखाते हुए नारेबाजी करने लगे।
लोगों से उलझते दिखे मांझी
वहीं विरोध के बीच लोगों से मांझी भी उलझते दिखाई दिए। जीतनराम मांझी अपना पक्ष रख रहे थे लेकिन लोग उनकी सुनने को तैयार नहीं थे। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई। हालांकि मांझी समर्थकों ने स्थिति को देखते हुए वहां से किनारा किया और जीतनराम मांझी के साथ दूसरे स्थान पर प्रचार के लिए निकल गए।
कई जगहों पर हो चुका है विरोध
जीतन राम मांझी एनडीए से हम प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और वह काफी मजबूत दावेदार हैं। हालांकि उनके आमने-सामने की टक्कर में आरजेडी प्रत्याशी कुमार सर्वजीत हैं। बताया जा रहा है कि आमने-सामने की टक्कर होने के बीच इस प्रकार का विरोध होने से आरजेडी प्रत्याशी कुमार सर्वजीत को मजबूती मिल रही है। ज्योति देवी के के खिलाफ बढ़ रहा लोगों का गुस्सा यहां जीतन राम मांझी पर उतरा और चुनाव प्रचार के दौरान मांझी का विरोध शुरू हो गया। स्थिती ऐसी बन गई कि मांझी को तुरंत ही वहां से निकलना पड़ गया।