बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दी बड़ी सौगात, प्रमोशन होगा आसान, नियमों में हुआ संशोधन

पटना। बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इस फैसले के तहत अब प्रमोशन पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को दो से चार साल तक घटा दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं और यह नियमावली अब प्रभावी हो चुकी है। इससे राज्य के करीब छह लाख कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।
सेवा अवधि में मिली छूट
अब नए नियमों के अनुसार, वेतन स्तर चार से पांच और पांच से छह के बीच पदोन्नति के लिए केवल तीन वर्ष की सेवा अनिवार्य होगी। वहीं, वेतन स्तर छह से सात के लिए यह सेवा अवधि चार वर्ष निर्धारित की गई है। पहले इन पदोन्नतियों के लिए अपेक्षाकृत अधिक सेवा अवधि निर्धारित थी, जिससे कर्मचारियों को लंबे समय तक पदोन्नति का इंतजार करना पड़ता था।
पुराने नियमों में हुआ संशोधन
जून 2018 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सेवा अवधि तय की गई थी। लेकिन कुछ संवर्ग विशेषकर वेतन स्तर चार के कर्मचारियों ने इसे कम करने की मांग की थी। इन मांगों पर सरकार ने गंभीरता से विचार किया और अन्य राज्यों जैसे केंद्र सरकार और झारखंड की नियमावलियों का अध्ययन कर यह निर्णय लिया।
कर्मचारियों की पुरानी मांग हुई पूरी
वेतन स्तर चार से सात तक के कर्मचारियों के लिए यह निर्णय बहुत राहत देने वाला है। काफी समय से विभिन्न कर्मचारी संगठन इसकी मांग कर रहे थे। प्रमोशन की प्रक्रिया में तेज़ी आने से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और कार्य के प्रति उनकी सजगता में भी सुधार होगा।
प्रमोशन से मिलेगा आर्थिक लाभ
पदोन्नति मिलने से कर्मचारियों की वेतन वृद्धि भी होगी, साथ ही अन्य भत्तों और सुविधाओं में भी इजाफा होगा। इससे कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी और उनकी सेवा में स्थिरता आएगी।
सरकार का कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक संदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार इस निर्णय के माध्यम से कर्मचारियों को एक बार फिर आश्वस्त करना चाहती है कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। सरकार का यह कदम चुनावी दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इससे कर्मचारी वर्ग में सरकार के प्रति भरोसा और समर्थन बढ़ सकता है।
महंगाई भत्ते में भी मिली थी राहत
कुछ समय पहले ही बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का लाभ भी दिया था। इस फैसले के बाद कर्मचारियों में संतोष का माहौल बना था और अब प्रमोशन नीति में ढील दिए जाने से उनका उत्साह और अधिक बढ़ गया है।
संगठनों ने किया स्वागत
कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह सरकार की एक सकारात्मक पहल है जो लंबे समय से चली आ रही मांगों की पूर्ति करती है। साथ ही इससे कार्यसंस्कृति में सुधार आने की भी संभावना है। बिहार सरकार का यह निर्णय सरकारी सेवा में कार्यरत लाखों कर्मियों के लिए न केवल राहत का सबब है बल्कि यह एक दूरदर्शी पहल भी है। इससे प्रशासनिक ढांचे में सुधार होगा और कर्मचारियों की कार्यक्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। आगामी चुनावों के संदर्भ में यह फैसला राजनीतिक रूप से भी अहम साबित हो सकता है।

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