भारत में प्रोजेक्ट चीता की तैयारियां पूरी : नामीबिया भेजा गया जंबो जेट, एमपी के कूनो में शनिवार को छोड़ेंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली। 70 साल बाद भारत में फिर से चीतों की वापसी होगी। देश से लुप्त हो चुके इस जीव को नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के कूनो में शनिवार को छोड़ा जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। बता दे की नामीबिया से चीते बोइंग 747 से आएंगे यानी जंबो जेट से। इस एयरक्राफ्ट को इसलिए चुना गया है ताकि री-फ्यूलिंग के लिए रुकना न पड़े और चीते डायरेक्ट इंडिया आएं। ये एयरक्राफ्ट बिना रुके दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक जा सकता है। फ्लाइट में 8 चीतों के साथ क्रू, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट, डॉक्टर्स, साइंटिस्ट, नामीबिया में भारत के हाई कमिश्नर मौजूद रहेंगे। इनके अलावा चीता एक्सपर्ट लॉरी मार्कर अपने 3 बायोलॉजिस्ट के साथ मौजूद रहेंगे। वही चीतों के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के स्पेशल क्रेट्स रहेंगे। ये लकड़ी के बने होंगे। चीते नामीबिया से 16 सितंबर को शाम 5 बजे निकलेंगे और 17 सितंबर की सुबह 7:30 बजे कूनो पहुंचेंगे। सभी चीतों की मॉनिटरिंग के लिए उन्हें सैटेलाइट रेडियो कॉलर पहनाया जाएगा। इससे उनकी लोकेशन मिलती रहेगी। हर चीते की मॉनिटरिंग के लिए एक व्यक्ति होगा, जो इनके मूवमेंट और हर अपडेट्स की जानकारी देगा। प्रधानमंत्री मोदी 3 चीतों को कूनो में छोड़ेंगे। बाकी चीतों को उनके अपने इलाकों में बाद में छोड़ दिया जाएगा।
जंगल में छोड़े गए 181 चीतल
वहीं चीतों की भूख मिटाने के लिए कूनो नेशनल पार्क में करीब 181 चीतल छोड़े गए हैं। ये चीतल प्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित चिड़ीखो अभयारण्य से लाए गए हैं। और 17 सितंबर को चीते भी कूनो नेशनल पार्क में लाए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा इन चीतों को यहां बाड़े में छोड़ा जाएगा। इन 8 चीतों में साढ़े पांच साल के 2 नर, एक साढ़े 4 साल का नर, ढाई साल की 1 मादा, 4 साल की 1 मादा, दो साल की 1 मादा और 5 साल की 2 मादा भी शामिल हैं। चिड़ीखो अभयारण्य में चीतल और हिरणों की तादाद बहुत ज्यादा है। इस कारण यहां से 181 चीतल कूनो लाए गए हैं।

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