छात्रों के समर्थन में प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला, कहा- ठंड में वाटर कैनन और लाठीचार्ज अमानवीय

पटना। पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की ओर से पानी की बौछार और लाठीचार्ज के बाद प्रियंका गांधी ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की। छात्रों के समर्थन में उतरते हुए प्रियंका गांधी ने इसे सरकार की नाकामी और अमानवीय रवैया करार दिया। उन्होंने भाजपा के डबल इंजन की सरकार पर “युवाओं पर डबल अत्याचार” करने का आरोप लगाया। सोमवार सुबह प्रियंका गांधी ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज का वीडियो साझा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि सरकार अभ्यर्थियों की आवाज दबाने के लिए ठंड में पानी की बौछार और लाठीचार्ज कर रही है। उन्होंने इसे अमानवीय बताते हुए कहा कि परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, और पेपर लीक रोकना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन, इसके बजाय सरकार छात्रों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोकने के लिए बल प्रयोग कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार युवाओं के सपनों को कुचलने और उनके अधिकारों को दबाने का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़े होने की बात कही। बीपीएससी द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा, 2024 के प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों ने बिहार में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। अभ्यर्थियों ने इसे लेकर परीक्षा रद्द करने की मांग की है। पिछले एक सप्ताह से छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी समर्थन दिया। सोमवार शाम को जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। प्रशांत किशोर के जाने के बाद प्रदर्शन उग्र हो गया। इसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लिया। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई, जिसमें महिला अभ्यर्थी समेत आठ लोग घायल हो गए। सभी घायलों को पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया। प्रियंका गांधी ने कहा कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। उन्होंने युवाओं की आवाज को दबाने की बजाय उनके मुद्दों को सुलझाने पर जोर दिया। यह घटना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि छात्रों की समस्याओं के प्रति सरकार की संवेदनशीलता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। प्रियंका गांधी के बयान से यह साफ है कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा। वहीं, छात्रों की नाराजगी सरकार के प्रति असंतोष को और बढ़ा सकती है।
