नीतीश पर तेजस्वी का हमला, कहा- सीएम थके हुए, प्रदेश में अभी क्रिमिनल डिसऑर्डर की स्थिति
- कार्यकर्ता यात्रा पर पूर्णिया पहुंचे नेता प्रतिपक्ष…डबल इंजन सरकार को बताया फेल…वादाखिलाफी का आरोप
पूर्णिया/पटना। बिहार की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। शुक्रवार को पूर्णिया में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने नीतीश कुमार को “थका हुआ मुख्यमंत्री” करार देते हुए कहा कि राज्य में क्रिमिनल डिसऑर्डर की स्थिति बन चुकी है।
पूर्णिया में कार्यकर्ता दर्शन यात्रा
तेजस्वी यादव इन दिनों कार्यकर्ता दर्शन यात्रा पर हैं और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों से मिलकर पार्टी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्णिया में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार की वर्तमान स्थिति बेहद खराब है। राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है, और इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। तेजस्वी ने कहा, “बिहार के सीएम नीतीश कुमार अब राज्य को संभालने में असमर्थ हैं। उन्होंने राज्य को रिटायर अधिकारियों के भरोसे छोड़ दिया है। कानून व्यवस्था इतनी बदहाल है कि इसे ‘क्रिमिनल डिसऑर्डर’ कहा जा सकता है। राज्य में हर दिन अपराध बढ़ रहे हैं, और मुख्यमंत्री सिर्फ मूकदर्शक बने हुए हैं।”
कानून व्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला
तेजस्वी यादव ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था और जर्जर होते बुनियादी ढांचे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हर साल बाढ़ से बिहार तबाह होता है, लेकिन इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। तेजस्वी ने बाढ़ रोकने वाले बांधों के बार-बार टूटने का उदाहरण देते हुए कहा, “सरकार की लापरवाही इतनी बढ़ गई है कि अब बांध को चूहे खा जाते हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुल और सड़कें लगातार ध्वस्त हो रही हैं। “इसका कारण यह है कि सरकार विकास योजनाओं पर ध्यान नहीं दे रही है। पुलिस तंत्र भी पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है, और आम जनता की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं है,” तेजस्वी ने कहा।
प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर निशाना
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं किए। “पीएम मोदी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और विशेष पैकेज देने का वादा किया था। लेकिन आज तक न तो विशेष राज्य का दर्जा मिला और न ही चीनी मिलों को फिर से खोलने का वादा पूरा हुआ,” उन्होंने कहा। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री तीन बार चुनाव जीतकर बिहार के वोटों से सत्ता में आए, लेकिन राज्य को उसके हिस्से का कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने कहा, “केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कटौती की जा रही है, और बिहार को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। यह राज्य के प्रति वादाखिलाफी का स्पष्ट उदाहरण है।”
सीमांचल क्षेत्र के विकास पर सवाल
तेजस्वी यादव ने सीमांचल क्षेत्र की उपेक्षा को लेकर नीतीश कुमार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “बीस साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, लेकिन सीमांचल क्षेत्र का विकास उनके एजेंडे में कभी शामिल नहीं रहा। यहां से भारी पलायन हो रहा है, और रोजगार के अवसर न के बराबर हैं। तेजस्वी ने सीमांचल में व्याप्त गरीबी और पिछड़ेपन का उल्लेख करते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने इस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को कभी गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा, “सीमांचल की जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, और सरकार इनकी अनदेखी कर रही है।
युवाओं और किसानों की अनदेखी
तेजस्वी यादव ने युवाओं और किसानों की समस्याओं को भी उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में परीक्षाओं के पेपर लीक होना आम बात हो गई है। “हर साल प्रतियोगी परीक्षाएं रद्द हो रही हैं, और युवा अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। सरकार की नीतियां युवाओं के सपनों को कुचल रही हैं,” उन्होंने कहा। किसानों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें उनका हक देने में नाकाम रही है। “किसान अपनी समस्याओं को लेकर सड़क पर उतरते हैं, लेकिन सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए लाठीचार्ज करती है। यह स्थिति अस्वीकार्य है,” तेजस्वी ने कहा।
नीतीश सरकार को दी चुनौती
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधे हमला करते हुए कहा कि उनका शासन अब पूरी तरह विफल हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बड़े मुद्दों पर चुप्पी साधे रहते हैं और विधानसभा में अपनी जिम्मेदारी निभाने से कतराते हैं। तेजस्वी ने कहा, “नीतीश कुमार के पास विकास का कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है। वह अब थक चुके हैं और राज्य की जिम्मेदारी संभालने में असमर्थ हैं। तेजस्वी यादव के आरोप नीतीश कुमार की सरकार के प्रति विपक्ष की बढ़ती असंतुष्टि को दिखाते हैं। उन्होंने नीतीश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया और कहा कि बिहार को एक नई दिशा की जरूरत है। उनके बयान राज्य में सत्ता परिवर्तन की मांग को और तेज कर सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि तेजस्वी के इन आरोपों का मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ गठबंधन किस तरह जवाब देता है और आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।


