गोपालगंज में गर्भवती महिला ने की आत्महत्या, दिल्ली नहीं ले जाने पर नाराज होकर दी जान

गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ थाना क्षेत्र के बड़ी ईशर गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक गर्भवती महिला ने आत्महत्या कर ली। महिला की पहचान सरिता देवी के रूप में हुई है, जो दिल्ली में काम करने वाले मनू यादव की पत्नी थीं। सरिता की मौत के बाद गांव में शोक और सन्नाटा पसरा हुआ है, वहीं पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच में जुट गई है।
पति से दिल्ली जाने की जिद
सरिता देवी अपने पति मनू यादव से बार-बार दिल्ली साथ चलने की जिद कर रही थीं। बताया जा रहा है कि वह चाहती थीं कि वह अपने पति के साथ दिल्ली में रहें, लेकिन पति उन्हें साथ ले जाने को तैयार नहीं था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच लगातार कहासुनी होती थी। सरिता अपने ससुराल में अपनी बेटी के साथ रह रही थीं और अपने पति के निर्णय से काफी परेशान थीं।
रात में हुआ हादसा
घटना गुरुवार रात की है जब घर के सभी सदस्य रात का भोजन कर अपने-अपने कमरों में सोने चले गए। सुबह जब परिवार के लोग उठे, तो उन्होंने सरिता को उसके कमरे में फंदे से लटका पाया। इस भयावह दृश्य को देखकर परिवार में कोहराम मच गया। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर
सूचना मिलने के बाद हथुआ थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतार कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। इसके साथ ही फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया, जिन्होंने घटनास्थल से जरूरी साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस आत्महत्या और हत्या दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है। हालांकि प्राथमिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असल वजह स्पष्ट हो पाएगी।
परिजन मौन, गांव में सन्नाटा
मृतका के परिजन इस घटना को लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग स्तब्ध हैं कि एक गर्भवती महिला इस हद तक मानसिक दबाव में कैसे आ गई कि उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह घटना न केवल महिला की पीड़ा को उजागर करती है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक संवाद की कमी को भी सामने लाती है। पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी तरह से जांच की जा रही है। यदि किसी भी प्रकार की साजिश या दबाव की बात सामने आती है तो उसके आधार पर आगे की कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मृतका की मानसिक स्थिति और पारिवारिक माहौल की भी जांच की जा रही है। यह मामला एक बार फिर से घरेलू रिश्तों में संवाद की अहमियत और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की जरूरत को रेखांकित करता है।

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