प्रशांत किशोर पर बोले मनोज भारती, कहा- जन सुराज ही छात्रों के लिए लड़ रहा, पीके का अनशन जारी रहेगा

पटना। बिहार में बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का आमरण अनशन अब अपने आठवें दिन में पहुंच गया है। उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति और गिरफ्तारी के बावजूद, वे अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने प्रशांत किशोर के प्रति अपना समर्थन जाहिर करते हुए कहा है कि पीके झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे अस्पताल में हों या बाहर, उनका अनशन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएससी के अभ्यर्थी कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। प्रशांत किशोर की बिगड़ती सेहत के कारण उन्हें मंगलवार को मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने अनशन खत्म करने से इनकार कर दिया। बुधवार को बीपीएससी कैंडिडेट्स का एक समूह उनसे मिलने अस्पताल पहुंचा। उन्होंने प्रशांत किशोर से अपील की कि वह अनशन समाप्त कर दें, लेकिन प्रशांत ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वह अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे। इस बीच, जन सुराज के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को बिहार सरकार के मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा। संगठन का कहना है कि वे अकेले ही छात्रों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। मनोज भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करनी चाहिए। इसी के बाद इस विवाद का कोई समाधान निकल सकता है। प्रशांत किशोर और जन सुराज के इस आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करवाना है। इसके साथ ही परीक्षा प्रणाली में सुधार समेत अन्य कई मांगें भी रखी गई हैं। यह आंदोलन न केवल छात्रों के हक की लड़ाई को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि बिहार की राजनीति में भी हलचल मचा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर के अनशन का प्रभाव क्या होगा और सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाएगी। फिलहाल, प्रशांत किशोर के अनशन और जन सुराज के संघर्ष ने छात्रों के भविष्य की लड़ाई को एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है।

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