भूख हड़ताल के कारण प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ी, मेदांता अस्पताल में भर्ती, डॉक्टर कर रहे जांच
पटना। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पिछले छह दिनों से बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर हैं। इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर अजीत प्रधान और उनकी टीम ने बताया कि प्रशांत किशोर को डिहाईड्रेशन और संक्रमण की शिकायत हो रही है। फिलहाल उनकी स्थिति का आकलन अस्पताल में किया जा रहा है।
अनशन के दौरान बिगड़ी तबीयत
2 जनवरी से अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने पिछले छह दिनों से अन्न का त्याग किया हुआ है। सोमवार देर रात उनकी तबीयत में गिरावट देखी गई। डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस शेखपुरा हाउस पहुंची, जहां से उन्हें मेदांता अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों का कहना है कि उनके शरीर में पानी की कमी और संक्रमण के लक्षण हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
गिरफ्तारी और जमानत की प्रक्रिया
गांधी मैदान में अनशन के दौरान प्रशांत किशोर को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें पटना सिविल कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। पुलिस ने उन्हें बेऊर जेल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन कोर्ट के आदेश देर से पहुंचने के कारण उन्हें जेल में प्रवेश नहीं दिया गया। इसके बाद प्रशांत किशोर को बेऊर थाने ले जाया गया। यहां कुछ समय बिताने के बाद उन्हें बिना शर्त जमानत मिल गई।
पीके को जनता का समर्थन
जमानत मिलने के बाद प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए जनता के समर्थन को अपना बल बताया। उन्होंने कहा, “कोर्ट ने हमारे अनुरोध को स्वीकार करते हुए बिना शर्त जमानत दी है। यह जनता के समर्थन की जीत है। जेल में रखने के लिए प्रशासन के पास आदेश नहीं थे। कोर्ट के निर्णय से मामला सुलझ गया।”
अनशन जारी रखने का ऐलान
जमानत मिलने के बावजूद प्रशांत किशोर ने अपने अनशन को जारी रखने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन तब तक चलेगा जब तक सरकार बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने का फैसला नहीं लेती। उन्होंने यह भी बताया कि आंदोलन की अगली रणनीति पर चर्चा के लिए आधी रात को बैठक होगी, जिसके बाद नई जगह तय की जाएगी।
गांधी मैदान से आंदोलन की शुरुआत
गुरुवार, 2 जनवरी की शाम 5 बजे प्रशांत किशोर ने पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन की शुरुआत की। उनका कहना है कि गांधी मैदान से शुरू हुआ यह आंदोलन बिहार के युवाओं की जिद है, और इसी स्थान पर इसका निपटारा होगा। प्रशांत किशोर के आंदोलन ने बीपीएससी परीक्षा की अनियमितताओं को लेकर बड़ा मुद्दा उठाया है। उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के बावजूद, वे अपने अनशन को जारी रखने की प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं। जनता का समर्थन और सरकार की प्रतिक्रिया इस आंदोलन की दिशा को तय करेगी। प्रशांत किशोर की स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि संबंधित अधिकारी उनकी मांगों पर ध्यान दें और समस्या का समाधान निकालें।


