October 30, 2025

रिजल्ट से पहले प्रशांत किशोर की बड़ी भविष्यवाणी, कहा- भाजपा अकेले 303 सीट जीतेगी, दक्षिणी राज्यों में भी मिलेगी सफलता

पटना। 19 अप्रैल को शुरू हुआ लोकसभा का चुनाव आज अंतिम चरण में पहुंच चुका है। 1 जून यानी आज कुल 8 राज्यों की 57 सीटों पर मतदान हो रहा है। इसके साथ ही देश का सबसे बड़ा चुनाव संपन्न हो जाएगा। 44 दिनों से चल रही चुनावी प्रक्रिया के बाद 4 जून को मतगणना होगी और परिणाम घोषित किए जाएंगे। हालांकि इससे पहले एग्जिट पोल में देश का मूड पता चल जाएगा। चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शाम 6:30 बजे से एग्जिट पोल जारी किए जाएंगे। हर किसी के मन में है कि इस बार केंद्र की सत्ता किसके हाथों में जाने वाली है। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक वोटिंग की प्रक्रिया पूरी होने के 30 मिनट के बाद ही एग्जिट पोल दिखाए जा सकते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी के खाते में 303 सीटें थीं। वहीं कांग्रेस को केवल 52 सीटों पर जीत हासिल हो सकी थी। टीएमसी को 22 सीटों पर जीत मिली थी। जेडीयू को 16 सीटें और समाजवादी पार्टी को मात्र पांच सीटें मिली थीं। बीएसपी को यूपी में 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बता दें कि इस बार कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि उसके नेता एग्जिट पोल डिबेट में शामिल नहीं होंगे। वही राजनीति के दिग्गज विश्लेषकों में से एक प्रशांत किशोर ने एग्जिट पोल से पहले नतीजों को लेकर भविष्यवाणी की है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि बीजेपी इस बार अकेले 303 सीटें जीतेगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने इतनी ही सीटें जीती थी। प्रशांत ने कहा है कि इस बार भी बीजेपी 303 सीटें या इससे कुछ ज्यादा सीटें जीत कर सरकार बनाती नज़र आ रही है। उन्होंने पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में बीजेपी के वोट प्रतिशत बढ़ने की भी संभावना बताई है। आज आखिरी चरण के मतदान के खत्म होते ही शाम साढ़े 6 बजे के बाद एग्जिट पोल के नतीजे जारी होंगे। आज आखिरी चरण के मतदान खत्म होते ही शाम तक एग्जिट पोल के नतीजे जारी हो जायेंगें। इस बीच बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि एग्जिट पोल पर दबाव होते हैं और इसलिए वो एकतरफा नतीजे ही दिखाते हैं। तेजस्वी ने कहा है कि इंडिया अलायंस 300 से ज्यादा सीटें जीत रही है। बिहार में भी चौकाने वाले नतीजे आएंगे। इंडिया अलायंस की मीटिंग पर उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य मीटिंग है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों में भी चुनावी नतीजों से पहले एग्जिट पोल कराए जाते हैं। पहली बार अमेरिका में 1936 में इसकी शुरुआत हुई थी। उस समय न्यूयॉर्क में जार्ज गैलप और क्लॉड रॉबिनसन ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में लोगों का मत जानने की कोशिश की थी। उन्होंने इस एग्जिट पोल में फ्रैंकलिन रूजवेल्ट के जीतने की संभावना बताई थी, जो बाद में सही भी साबित हुई। इसके बाद दुनिया भर में एग्जिट पोल कराने का चलन शुरू हो गया।

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