September 6, 2025

प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान, रोहतास के करगहर से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

पटना। बिहार की राजनीति में इस समय एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। चुनावी रणनीति बनाने के लिए मशहूर प्रशांत किशोर अब सीधे चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। लंबे समय तक अलग-अलग दलों के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर ऐलान कर दिया है कि वे रोहतास जिले की करगहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उनका यह फैसला न केवल इस क्षेत्र बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में हलचल पैदा करने वाला माना जा रहा है। क्योंकि अब तक वे राजनीति में सक्रिय रहते हुए भी सीधे चुनावी मैदान से दूरी बनाए हुए थे।
करगहर से चुनाव लड़ने की घोषणा
प्रशांत किशोर ने अपने समर्थकों की भारी भीड़ के बीच यह घोषणा की कि वे करगहर विधानसभा सीट से मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब बिहार को नई दिशा देने और पुरानी राजनीति को बदलने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि अब तक राज्य की राजनीति जातिगत समीकरणों और पारंपरिक तौर-तरीकों पर आधारित रही है, लेकिन अब जनता बदलाव चाहती है। इसलिए वे करगहर से शुरुआत करेंगे और जनता से किए गए हर वादे को पूरा करने की दिशा में काम करेंगे।
करगहर सीट का महत्व
करगहर विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में हमेशा से अहम मानी जाती रही है। यहां जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे चुनावी नतीजे तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 3,24,906 मतदाता थे। उस चुनाव में लगभग 59.85 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसका मतलब यह है कि मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी इस सीट पर हमेशा निर्णायक साबित होती है। अब जब प्रशांत किशोर ने इसी सीट को चुना है, तो मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना
अब तक बिहार की राजनीति मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे बड़े दलों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। लेकिन प्रशांत किशोर के मैदान में उतरने से यह समीकरण बदल सकता है। उनकी मौजूदगी से करगहर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन गई है। जहां एक ओर पारंपरिक दल अपने मजबूत जातीय और संगठनात्मक आधार पर भरोसा करेंगे, वहीं प्रशांत किशोर विकास और नई राजनीति के नारे के साथ जनता को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे।
प्रशांत किशोर का संदेश
चुनावी ऐलान के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने लंबे समय तक बिहार की राजनीति को नजदीक से देखा है। उनका मानना है कि जनता अब तक सिर्फ वादों और नारों के सहारे ठगी जाती रही है, जबकि असल में विकास के नाम पर बहुत कुछ अधूरा रह गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में आने का उनका मकसद केवल चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि जनता से किए गए वादों को निभाना और राज्य में नई राजनीति की शुरुआत करना है।
विरोधियों की प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर के चुनावी ऐलान ने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों में हलचल मचा दी है। उनके समर्थक इसे नई राजनीति की शुरुआत बता रहे हैं। उनका कहना है कि पीके के आने से जनता को पारंपरिक राजनीति से अलग एक नया विकल्प मिलेगा। वहीं, विरोधी दल इस घोषणा को लेकर चुटकी ले रहे हैं। उनका मानना है कि सिर्फ रणनीति बनाना और चुनाव लड़ना दो अलग-अलग चीजें हैं। उनके मुताबिक, प्रशांत किशोर को जमीनी राजनीति में अपनी पकड़ साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
बदलता हुआ चुनावी परिदृश्य
यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि करगहर में प्रशांत किशोर कितना असर डाल पाएंगे। लेकिन इतना तय है कि उनकी एंट्री ने चुनावी माहौल को और ज्यादा रोचक बना दिया है। बिहार की जनता अब यह देखने के लिए उत्सुक है कि रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर किस तरह का चुनावी एजेंडा लेकर सामने आते हैं और क्या वे पारंपरिक दलों के मुकाबले एक मजबूत विकल्प बन पाते हैं या नहीं। कुल मिलाकर, प्रशांत किशोर के करगहर से चुनाव लड़ने के ऐलान ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को और दिलचस्प बना दिया है। जहां एक ओर पारंपरिक दल अपने पुराने समीकरणों के साथ मैदान में उतरेंगे, वहीं दूसरी ओर प्रशांत किशोर विकास और नई सोच की राजनीति का संदेश लेकर सामने आएंगे। अब देखना यह होगा कि करगहर की जनता किसे चुनती है और क्या प्रशांत किशोर अपनी नई राजनीति के सपने को हकीकत में बदल पाते हैं। इतना तय है कि उनकी मौजूदगी ने चुनावी मुकाबले को और रोमांचक बना दिया है और आने वाले समय में यह सीट पूरे राज्य की राजनीति का केंद्र बिंदु बन सकती है।

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