प्रदेश के फार्मासिस्ट तथा एएनएम चले गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर,सरकार से माननीय राशि बढ़ाने समेत कई मांगे

पटना। मानदेय वृद्धि तथा अन्य मांगों को लेकर बिहार के फार्मासिस्ट तथा एएनएम के द्वारा आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल आरंभ किया गया है।ज्ञातव्य हो की प्रदेश में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राज्य भर के आंगनबाड़ी केंद्रों तथा विद्यालयों में बच्चों की स्वास्थ्य के लिए हर प्रखंड में आयुष चिकित्सक, फार्मासिस्ट और एएनएम की नियुक्ति की गई है।अब दो वर्ष पूर्व आयुष चिकित्सकों के मानदेय में हुई वृद्धि को लेकर प्रदेश भर के फार्मासिस्ट तथा एएनएम भी सरकार के समक्ष मानदेय राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।जिसे लेकर इन लोगों का संगठन हाईकोर्ट भी गया था।मगर हाईकोर्ट ने उन्हें फिलहाल सक्षम पदाधिकारी के समक्ष मांग रखने के लिए कहा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 2015 में बिहार के अंदर 2136 आयुष चिकित्सकों 1068 फार्मासिस्ट और 1068 की संख्या में एएनएम की बहाली की थी। राज्य सरकार की ओर से तय किए गए प्रावधानों के मुताबिक वर्ष 2015 में आयुष चिकित्सकों को 20,000 फार्मासिस्ट को 12000 और एएनएम को 11500 मानदेय दिया जाता था।बाद में गत वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत एलोपैथी चिकित्सकों के मानदेय के बराबर ही आयुष चिकित्सकों को भी मानदेय देने का फैसला किया। आयुष चिकित्सकों के मानदेय वृद्धि के बाद सरकार ने फार्मासिस्ट तथा एएनएम के मानदेय वृद्धि को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद फार्मासिस्ट और एएनएम के संगठनों की तरफ से मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक को ज्ञापन दिया जा चुका है। बताया जा रहा है कि इस बार बिहार के सभी फार्मेसिस्ट तथा एएनएम एवं राज्य सरकार से आर-पार की लड़ाई करने के मूड में हैं। अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महासचिव राजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार राज्य सरकार के द्वारा मांग मंजूर किए जाने के पहले हड़ताल खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार मानदेय राशि बढ़ाने का निर्णय नहीं लेती है तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

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