भ्रष्ट मुख्य अभियंता को किस पावरफुल मंत्री का संरक्षण! ईडी में मिले थे करोड़ों की नगदी,कुर्सी गई लेकिन जेल जाने से कैसे बचा?

  • बड़ी मछलियां ना फंस जाए इसलिए मामले को पूरी तरह से कोल्ड स्टोरेज में डालने की योजना
  • नहीं हो सका खुलासा-तारिणी दास ने किन कंपनियों को अरबों के ठेके करोड़ों के कमीशन लेकर दिए
  • करोड़ों की कमीशन देकर काम लेने वाली कंपनियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई

पटना। (बन बिहारी) विगत मार्च में ईडी ने राजधानी पटना में बड़ी कार्रवाई करते हुए भवन निर्माण विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता तारिणी दास के ठिकानों पर छापेमारी की थी।छापेमारी के दौरान बड़े पैमाने में नगद धनराशि बरामद हुई थी।जिनकी गिनती के लिए कैश काउंटिंग मशीन मांगनी पड़ गई थी। मुख्य अभियंता तारिणी दास के खिलाफ कमीशन लेकर बड़े ठेके कंपनियों को देने का आरोप थे। तारिणी दास एक रिटायर्ड इंजीनियर थे।जिन्हें रिटायरमेंट के बाद संविदा पर बहाल करके मुख्य अभियंता बनाया गया था। आज ईडी के द्वारा तारिणी दास के ठिकानों पर रेड किए गए दो माह से अधिक बीत चुके हैं।लेकिन अभी तक तारिणी दास की गिरफ्तार नहीं किया गया है। मामले को पूरी तरह से कोल्ड स्टोरेज में डालने की योजना बताई जाती है। प्रदेश के राजनीतिक गलियां में इसे लेकर एक यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है कि तारिणी दास को कौन संरक्षण दे रहा है। तथा किसके इशारे पर उसे बचाने की साजिश रची जा रही है। ईडी के द्वारा रेड की कार्रवाई के बाद तारिणी दास को मुख्य अभियंता पद से हटा दिया गया तथा संविदा के आधार पर उनकी नियुक्ति को भी रद्द कर दिया गया। मगर राज्य सरकार के जांच एजेंसियों ने अब तक यह पता नहीं लगाया कि तारिणी दास ने किन कंपनियों को अरबों के ठेके करोड़ों के कमीशन लेकर दिए।कमीशन देकर काम लेने वाली कंपनियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई की सुगबुगाहट भी विभागों में नहीं देखी जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार मुख्य अभियंता तारिणी दास ने बड़ी कीमत अदा करके मुख्य अभियंता की कुर्सी हासिल की थी। तारिणी दास से करोड़ों की कीमत तथा कमीशन वसूलने वाले राजनीतिक शख्सियत ने आज तारिणी दास को बचाने का ठेका ले रखा है। ईडी के द्वारा तमाम सबूत देने के बावजूद तारिणी दास आज सलाखों के भीतर नहीं है। इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यही है कि राज्य सरकार के एक बड़े मंत्री का संरक्षण उसे प्राप्त है। जिस वजह से आर्थिक अपराधी इकाई उस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे जेल नहीं भेज रही है। ज्ञातव्य हो कि विगत मार्च माह के अंतिम सप्ताह में ईडी की रेड में चीफ इंजीनियर तारिणी दास के ठिकानों से करोड़ों रुपए के कैश बरामद किए गए थे, जिसके लिए नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी थी।इस कार्रवाई के बाद से ही सीएम नीतीश की सरकार पर सवाल उठ रहे थे।जारी नोटिफिकेशन के अनुसार तारिणी दास को रिटायरमेंट के बाद भवन निर्माण विभाग में मुख्य इंजीनियर के पद पर संविदा पर नियुक्त किया था। लेकिन नियुक्ति के बाद उन पर बिना अनुमोदन प्राप्त किए निविदा रद्द कर दिया गया है, जिस पर उनसे स्पष्टीकरण मांगे जाने पर भी कोई जवाब नहीं दिया गया।इसी निर्धाति अवधि से कम समय के लिए बीओक्यू अपलोड करने के आरोप में स्षष्टीकरण की मांग की गई थी। लेकिन उन्होंने इसका संतोषजनक उत्तर नहीं दिया था।

Author-Ban Bihari

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