CM नीतीश बोले- बिहार में मांग के अनुरुप बिजली की नहीं हो रही आपूर्ति, 5 दिनों में विद्युत एक्सचेंज से 570 लाख यूनिट हुई खरीद

* बरौनी ताप विद्युत केंद्र की 9वीं इकाई 10 दिन में और 6ठीं इकाई एक महीने में होगी चालू


पटना। सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोयले की कमी को लेकर पैदा हुई बिजली की समस्या, जातीय जनगणना, लखीमपुर खीरी कांड और बाढ़ से हुए नुकसान व मुआवजा को लेकर को लेकर पत्रकारों से बातचीत की।
पिकआवर में 5,500 से 5,600 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस संबंध में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से अद्यतन स्थिति की जानकारी ली है। अधिकारियों ने बताया है कि बिजली की जितनी जरुरत है, उसके हिसाब से आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यह वास्तविकता है कि एनटीपीसी और दूसरी कंपनियों से जितनी बिजली आपूर्ति का प्रावधान है, उतनी बिजली नहीं मिल पा रही है, इसको लेकर यह समस्या आई है। उन्होंने कहा कि अभी दूसरी कंपनियों से ज्यादा कीमत पर बिजली खरीद कर आवश्यकता के अनुरूप बिजली आपूर्ति की जा रही है। बिजली की सप्लाई में कमी आई है, ऊर्जा विभाग स्थिति को नॉर्मल करने को लेकर पूरी तरह से तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5 दिनों में विद्युत एक्सचेंज से लगभग 570 लाख यूनिट बिजली की खरीद की गई है जिसकी कुल लागत लगभग 90 करोड़ रुपये है। अभी बिहार में मांग के अनुरुप बिजली की आपूर्ति की जा रही है। पिकआवर में लगभग 5,500 से 5,600 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है। अभी समझौते के बाहर की कंपनियों से बिजली खरीदने में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। यह बात बिल्कुल सही है कि अभी बिजली की समस्या है, इससे सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश प्रभावित है।
बरौनी ताप विद्युत केंद्र की 9वीं इकाई 10 दिन में होगी शुरू
उन्होंने कहा कि जनता ने जब हमें सेवा का मौका दिया तो बिहार में बिजली की स्थिति में सुधार को लेकर तेजी से काम करना शुरू किया। शुरूआती वर्षों में बिजली घरों की स्थिति में सुधार और नये बिजली घरों की स्थापना को लेकर कार्य किये गये, बाद में बिहार के बिजली घरों को एनटीपीसी के साथ समझौते करके उनको सौंप दिया। अभी बिहार सरकार के अधीन कोई बिजली घर नहीं है। ऊर्जा विभाग ने जानकारी दी है कि बरौनी ताप विद्युत केंद्र की 9वीं इकाई दस दिनों में और छठी इकाई एक महीने में चालू हो जायेगी।
बाढ़ से नुकसान की पूरी रिपोर्ट 12 अक्टूबर तक तैयार करने का निर्देश
अधिक वषार्पात के कारण बाढ़ की स्थिति के दौरान हुई फसल क्षति के मुआवजे को लेकर पत्रकारों के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि हमने अधिकारियों को निर्देश दे दिया है। सभी डीएम से जिलों के संबंध में पूरी जानकारी लेने को कहा गया है। अनेक जगहों पर हमने खुद भी बात की है। हमने कह दिया है कि कहां क्या नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी लेकर पूरी रिपोर्ट 12 अक्टूबर तक तैयार कर लें। राज्य सरकार फसल क्षति के मुआवजे को लेकर काम कर रही है। जितने भी प्रभावित लोग हैं हम सबकी मदद करेंगे। जो 4-5 प्रकार की मदद तय है उसके की जायेगी।
जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक उपचुनाव के बाद
जातीय जनगणना को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना होने से सभी जातियों और उपजातियों की सही संख्या की जानकारी मिलेगी। समाज के सभी तबकों को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है। उपचुनाव के बाद इस मुद्दे पर आपस में बैठक कर चर्चा की जायेगी और उचित निर्णय लिया जायेगा। जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया है, अब निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है। अगर केंद्र की तरफ से नहीं होता है तो राज्य की तरफ से क्या किया जा सकता है, इसको लेकर सभी दलों के साथ चर्चा होगी। अभी वर्ष 1931 की जनगणना के अनुसार जातियों की संख्या को लेकर मौटे तौर पर काम चलाया जा रहा है। लेटेस्ट जातीय जनगणना होने से बहुत अच्छा होगा।
हमें अपने राज्य के बारे में ही सब कुछ देखना है
यूपी के लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं कोई इंसिडेंट होता है तो ये काम देखना वहां के प्रशासन और पुलिस का है। वे इसे देख रही है, सारी चीजें सामने आ रही हैं। जांच होने के बाद जो जरूरत है, उसके अनुसार कार्रवाई होती रहती है। इन सब चीजों में हम कोई बयान या ज्यादा वक्तव्य नहीं देते हैं। हमे अपने राज्य के बारे में ही सब कुछ देखना है, अगर कहीं कोई घटना घटती है तो हमलोग अलर्ट रहते हैं और तत्काल कार्रवाई की जाती है।

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