मुजफ्फरपुर में अवैध निर्माण रोकने गई पुलिस टीम पर हमला, पत्थरबाजी से महिला पुलिसकर्मी घायल

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां थाना क्षेत्र अंतर्गत बलथी रसूलपुर गांव में पुलिस टीम पर उस समय हमला कर दिया गया जब वे एक विवादित जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए पहुंची थी। यह जमीन पहले से विवादित बताई जा रही है, और वहां बिना किसी अनुमति के निर्माण कार्य चल रहा था। पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो बोचहां थानाध्यक्ष के नेतृत्व में एक टीम को मौके पर भेजा गया।
पुलिस की कार्रवाई पर भड़का एक पक्ष
पुलिस टीम जब निर्माण कार्य को रुकवाने लगी, तभी वहां मौजूद एक पक्ष उग्र हो गया। उन्होंने विरोध करते हुए अचानक ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस हमले में एक महिला पुलिसकर्मी कंचन कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनके सिर पर पत्थर लगने से वे मौके पर ही बेहोश हो गईं और बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
झड़प का वीडियो सामने आया
घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ लोग पुलिस पर पत्थरबाजी करते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे घटना की गंभीरता और स्पष्टता बढ़ गई है। वीडियो से यह भी जाहिर होता है कि पुलिस टीम को जानबूझकर निशाना बनाया गया।
थानाध्यक्ष की प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई
बोचहां थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि घायल महिला पुलिसकर्मी अब खतरे से बाहर है और उनका इलाज जारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हमले में शामिल 13 लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पुलिसकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस तरह से सरकारी ड्यूटी पर तैनात पुलिस टीम पर हमला हुआ, वह कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि कुछ असामाजिक तत्व पुलिस के आदेशों और कार्रवाई का खुला विरोध कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस महकमे की जिम्मेदारी बनती है कि वे न केवल आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस रणनीति बनाएं। अवैध निर्माण और भूमि विवाद जैसी समस्याओं को लेकर आए दिन पुलिस को जूझना पड़ता है, ऐसे में इन मामलों में सख्ती जरूरी हो गई है। बलथी रसूलपुर गांव की यह घटना न केवल पुलिस व्यवस्था पर हमला है, बल्कि कानून के शासन की भावना को चुनौती देने जैसा है। घायल पुलिसकर्मी की स्थिति अब स्थिर है, लेकिन यह सवाल उठता है कि कानून की रक्षा करने वाले खुद कितने सुरक्षित हैं। यह जरूरी है कि आरोपियों को जल्द सजा मिले और समाज में ऐसा संदेश जाए कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
