हरियाणा में डॉक्टर के घर पुलिस की छापेमारी: 300 किलो आरडीएक्स और एके-56 बरामद, आतंकवादियों से कनेक्शन की हो रही जांच
फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद में रविवार को सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक डॉक्टर के किराए के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार बरामद किए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस की सूचना पर की गई इस छापेमारी में लगभग 300 किलो आरडीएक्स, एके-56 राइफल, दो ऑटोमैटिक पिस्टल, 84 कारतूस और 5 लीटर केमिकल जब्त किया गया। बरामदगी के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की जानकारी पर फरीदाबाद में छापेमारी
जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद पुलिस के सहयोग से यह छापेमारी की। यह कार्रवाई फरीदाबाद के एक आवासीय इलाके में की गई, जहां डॉक्टर आदिल अहमद ने करीब तीन महीने पहले किराए पर कमरा लिया था। बताया जा रहा है कि डॉक्टर आदिल जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले का रहने वाला है और कुछ समय पहले तक सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अनंतनाग में प्रैक्टिस करता था। उसने वर्ष 2024 में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्राइवेट तौर पर काम करने लगा।
डॉक्टर आदिल से पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
डॉ. आदिल अहमद को 7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसने फरीदाबाद में किराए पर एक घर लिया है, जहां विस्फोटक सामग्री रखी हुई है। इसी जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस को अलर्ट किया और संयुक्त टीम ने देर रात छापेमारी की। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां से कुल 14 बैग बरामद किए गए। इन बैगों में 300 किलो आरडीएक्स, 84 कारतूस, 5 लीटर रासायनिक पदार्थ, एके-56 राइफल और दो ऑटोमैटिक पिस्टलें रखी थीं। यह बरामदगी इस बात की ओर इशारा करती है कि आरोपी डॉक्टर का किसी आतंकी संगठन से संपर्क हो सकता है।
आरोपी डॉक्टर ने सिर्फ सामान रखने के लिए लिया था कमरा
जांच में यह भी सामने आया है कि डॉक्टर आदिल खुद फरीदाबाद में नहीं रहता था। उसने यह कमरा केवल सामान रखने के लिए किराए पर लिया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इस व्यक्ति को बहुत कम देखते थे। वह कभी-कभार ही कमरे पर आता था और जल्द ही वहां से चला जाता था। पुलिस को शक है कि यह कमरा विस्फोटक सामग्री को अस्थायी रूप से छिपाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। स्थानीय निवासी अजय कुमार ने बताया कि “कमरा किराए पर देने के बाद वह व्यक्ति बहुत कम दिखाई देता था। उसे देखकर कभी अंदाजा नहीं हुआ कि वह इतने खतरनाक सामान को यहां छिपा कर रखेगा।”
चार राज्यों में फैलाया गया जांच का दायरा
इस पूरे मामले की जांच अब कई राज्यों में फैला दी गई है। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात की पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर नेटवर्क की तहकीकात कर रही हैं। शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि बरामद विस्फोटक किसी बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरडीएक्स और हथियार की इतनी बड़ी खेप आमतौर पर किसी आतंकी मॉड्यूल के पास ही होती है। अब यह जांच की जा रही है कि डॉक्टर आदिल किस संगठन के संपर्क में था और इन विस्फोटकों का इस्तेमाल कहां और कब किया जाना था।
पुलिस और एनआईए की टीमें जुटीं जांच में
घटना की गंभीरता को देखते हुए एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और एटीएस (एंटी टेरर स्क्वाड) की टीमों को भी जांच में शामिल किया गया है। मौके से मिले सबूतों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि जब कमरे की तलाशी ली गई तो कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए गए हैं, जिनकी तकनीकी जांच की जा रही है। फरीदाबाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “बरामद विस्फोटक और हथियार किसी बड़ी साजिश की ओर संकेत कर रहे हैं। हमने फरीदाबाद, सहारनपुर और जम्मू-कश्मीर के बीच संभावित कनेक्शन की जांच शुरू कर दी है।”
इलाके में फैला दहशत का माहौल
घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। जहां यह छापेमारी हुई, वहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि आरोपी डॉक्टर की गतिविधियों के बारे में और जानकारी मिल सके। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है और कुछ संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त निगरानी भी की जा रही है।
आतंकी नेटवर्क से संभावित लिंक
प्रारंभिक जांच में यह संदेह गहराता जा रहा है कि डॉक्टर आदिल का संबंध किसी आतंकी संगठन से हो सकता है। पुलिस को शक है कि वह जम्मू-कश्मीर में सक्रिय किसी आतंकी मॉड्यूल के लिए काम कर रहा था और हरियाणा, यूपी और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में विस्फोटक सामग्री सप्लाई करने की भूमिका निभा रहा था। सुरक्षा एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि 300 किलो आरडीएक्स आखिर फरीदाबाद तक कैसे पहुंचा और इतने बड़े पैमाने पर विस्फोटक सामग्री की आवाजाही के दौरान किसी को इसकी भनक क्यों नहीं लगी। फरीदाबाद में हुई इस बड़ी बरामदगी ने एक बार फिर आतंकी संगठनों के फैलते नेटवर्क और उनकी नई रणनीतियों को उजागर किया है। डॉक्टर जैसे पढ़े-लिखे व्यक्ति का ऐसे मामले में शामिल होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है। फिलहाल डॉक्टर आदिल अहमद पुलिस की हिरासत में है और उससे गहन पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसके पीछे कौन-सा संगठन काम कर रहा था और क्या आने वाले समय में किसी बड़े हमले की साजिश रची जा रही थी।
इस बरामदगी ने न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।


