नवादा में पुलिस जवान ने की आत्महत्या, फांसी लगाकर दी जान, सुसाइड नोट बरामद
- मानसिक प्रताड़ना और छुट्टी न मिलने से था परेशान, पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
नवादा। बिहार के नवादा जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक पुलिस जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक जवान की पहचान औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र निवासी अमित कुमार के रूप में हुई है। अमित 2021 बैच का सिपाही था और इन दिनों नवादा पुलिस लाइन में तैनात था। शुक्रवार की सुबह उसका शव नवादा नगर थाना क्षेत्र के नरेंद्र नगर सेक्टर-ए स्थित किराए के मकान में फंदे से लटका मिला। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, सुबह जब अमित के कमरे का दरवाजा देर तक नहीं खुला, तो उसके साथी सिपाहियों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर घुसते ही उन्होंने देखा कि अमित का शव पंखे से लटका हुआ है। तुरंत इसकी सूचना नगर थाना पुलिस और वरीय अधिकारियों को दी गई। कुछ ही देर में नवादा एसपी अभिनव धीमान, सदर एसडीपीओ हुलास कुमार, नगर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर और हिसुआ थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। घटनास्थल की जांच के दौरान पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें अमित ने अपनी मौत के लिए दो वरीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।
सुसाइड नोट में छुट्टी न मिलने की बात, अधिकारियों पर लगाए आरोप
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सुसाइड नोट में अमित ने लिखा है कि उसे कई दिनों से छुट्टी नहीं दी जा रही थी, जबकि उसकी छुट्टी पहले ही स्वीकृत हो चुकी थी। नोट में कहा गया है कि छुट्टी निर्गत होने के बावजूद अधिकारी लगातार टालमटोल कर रहे थे और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। यही नहीं, उसने यह भी लिखा कि उससे कई बार व्यक्तिगत काम करवाए जाते थे। अमित ने अपने नोट में स्पष्ट किया कि वह अब इस स्थिति को और सहन नहीं कर पा रहा था। अमित के साथियों ने भी दावा किया कि वह बीते कुछ दिनों से काफी तनाव में था। एक सिपाही ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अमित कई बार छुट्टी की गुहार लगा चुका था, लेकिन उसके अनुरोध को अनसुना कर दिया गया। उसका कहना था कि अधिकारी उसके साथ भेदभाव कर रहे हैं और जातीय आधार पर टिप्पणी करते हैं। साथी जवानों का कहना है कि यदि समय पर छुट्टी दी गई होती, तो शायद आज यह हादसा नहीं होता।
घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी, जांच शुरू
घटना की जानकारी मिलने के बाद नवादा के एसपी अभिनव धीमान ने मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की बारीकी से जांच की। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। हालांकि, सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने बताया कि अमित की शादी हाल ही में हुई थी और संभव है कि निजी कारणों से भी वह परेशान रहा हो। फिर भी, पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है और फॉरेंसिक टीम ने कमरे से साक्ष्य जुटा लिए हैं।
परिजनों में मचा कोहराम, न्याय की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही अमित के परिजन औरंगाबाद से नवादा पहुंचे। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के पिता रामाश्रय राय ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को पुलिस विभाग में अधिकारियों ने प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि अमित ने कई बार घर फोन कर बताया था कि अधिकारी उसे लगातार दबाव में रख रहे हैं और उसकी छुट्टी नहीं दे रहे। पिता ने मांग की कि जिन अधिकारियों पर अमित ने आरोप लगाया है, उनके खिलाफ तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए।
पुलिस विभाग में मातम का माहौल
अमित कुमार की मौत से नवादा पुलिस विभाग में शोक और नाराजगी दोनों का माहौल है। साथी जवानों का कहना है कि विभाग में कई बार छुट्टी और कार्य व्यवहार को लेकर असमानता बरती जाती है। कई जवान लगातार मानसिक तनाव में रहते हैं, लेकिन उनकी बात सुनी नहीं जाती। इस घटना ने पुलिस विभाग के भीतर के उस तनावपूर्ण माहौल को उजागर कर दिया है, जिसके चलते कई बार जवान चरम कदम उठा लेते हैं।
जांच के आदेश, दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी
एसपी अभिनव धीमान ने कहा कि विभागीय स्तर पर जांच टीम गठित कर दी गई है। टीम यह पता लगाएगी कि अमित की छुट्टी में देरी क्यों हुई और किन परिस्थितियों में उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। सुसाइड नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार को न्याय दिलाने के लिए पुलिस पूरी पारदर्शिता के साथ जांच करेगी। नवादा के जवान अमित कुमार की आत्महत्या ने बिहार पुलिस विभाग को गहरे सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। एक ओर जवान अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखते हैं, वहीं जब उन्हें स्वयं मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है, तो यह व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाता है। अब यह जांच ही तय करेगी कि क्या सचमुच अमित को प्रताड़ित किया गया था या इसके पीछे कोई और कारण था। फिलहाल, यह घटना पूरे नवादा जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है और पुलिस विभाग के लिए आत्ममंथन का समय है।


