पटना में चार अपराधियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, हत्या की थी प्लानिंग, अवैध हथियार समेत मोटरसाइकिल बरामद
पटना। पटना शहर में अपराध पर नियंत्रण की दिशा में पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। गुरुवार देर रात को राजधानी के राजीव नगर थाना क्षेत्र में पुलिस और बिहार एसटीएफ की संयुक्त टीम ने समय रहते एक बड़ी आपराधिक साजिश को विफल कर दिया। यह कार्रवाई तब की गई जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कुछ अपराधी हत्या की योजना बना रहे हैं। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मौके पर छापेमारी की और चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई
इस पूरी घटना की शुरुआत एक गुप्त सूचना से हुई। बिहार एसटीएफ और पटना पुलिस को खबर मिली थी कि राजीव नगर इलाके में कुछ युवक एक जगह इकट्ठा होकर किसी गंभीर घटना की योजना बना रहे हैं। सूचना की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने देर रात को उस स्थान पर छापा मारा, जहां चार युवक बैठकर खुफिया मीटिंग कर रहे थे। पुलिस के वहां पहुंचते ही चारों को मौके पर ही दबोच लिया गया।
गिरफ्तार अपराधियों की पहचान
पुलिस द्वारा पकड़े गए चारों आरोपियों की पहचान विकास, अभिषेक, गोविंद और रविदास के रूप में की गई है। इनमें विकास सबसे खतरनाक माना जा रहा है, जिस पर पहले से ही 50,000 रुपये का इनाम घोषित था। विकास कई संगीन आपराधिक मामलों में वांटेड था और पटना के अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था। उसके साथ पकड़े गए तीन अन्य युवकों के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है। उनका आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि वे किन अपराधों में पहले शामिल रहे हैं और इनके साथियों या गिरोह का नेटवर्क कहां तक फैला है।
बरामद हुआ अवैध हथियार और अन्य सामान
पुलिस ने चारों आरोपियों के पास से दो देसी पिस्तौल, कई जिंदा कारतूस, एक मोटरसाइकिल और कुछ नगद राशि बरामद की है। प्राथमिक जांच में यह बात स्पष्ट हुई है कि ये चारों एक व्यक्ति की हत्या की योजना बना रहे थे। यदि समय रहते पुलिस वहां नहीं पहुंचती तो संभव है कि कोई बड़ी आपराधिक वारदात हो जाती। इस तरह पुलिस की सजगता ने एक बड़ा हादसा होने से रोक दिया।
पूछताछ में हो रहे अहम खुलासे
गिरफ्तार अपराधियों से सघन पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि हत्या की योजना किसके खिलाफ बनाई गई थी और इसके पीछे क्या कारण था। साथ ही, इन अपराधियों का नेटवर्क कितना विस्तृत है और ये किन-किन लोगों के संपर्क में थे। पूछताछ से पुलिस को कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है, जिससे आगे की कार्रवाई की दिशा तय होगी। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इन आरोपियों का संबंध किसी बड़े गिरोह से है या वे स्वतंत्र रूप से आपराधिक गतिविधियां चला रहे थे।
पुलिस की बड़ी कामयाबी
इस पूरी घटना को पटना पुलिस और बिहार एसटीएफ एक बड़ी सफलता मान रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यदि यह कार्रवाई समय पर न की गई होती तो राजधानी में कोई गंभीर अपराध घट सकता था। अपराधियों की गिरफ्तारी और उनके पास से मिले हथियार इस बात की पुष्टि करते हैं कि वे पूरी तैयारी के साथ किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने जा रहे थे।
अपराध पर सख्ती की जरूरत
यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि राजधानी पटना में संगठित अपराधियों का नेटवर्क सक्रिय है, जिसे समय-समय पर पुलिस को चुनौती देनी पड़ रही है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने कुशलता और तत्परता दिखाते हुए एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लगातार सतर्कता और निगरानी बनाए रखना जरूरी है। इस गिरफ्तारी ने यह साफ कर दिया है कि पुलिस के खुफिया तंत्र की सक्रियता और तेज कार्रवाई से अपराधियों के मंसूबे नाकाम हो सकते हैं। अब आगे देखना होगा कि पूछताछ और जांच के बाद इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके आपराधिक इतिहास की परतें कितनी खुलती हैं।


