पीरबहोर पुलिस ने चार अपराधियों को किया गिरफ्तार, पीएमसीएच में दो गुटों के वर्चस्व की जंग में जा सकती है कई जानें

पटना। बिहार में कोरोना के कहर के बीच अपराधी बेखौफ होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पटना पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। वहीं पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में पटना पुलिस को अहम कामयाबी हाथ लगी है।
पीएमसीएच परिसर में बीते मंगलवार को हुई दो बार गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए लगातार छापामारी कर रही है। इस बीच पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र के मखनिया कुआं के पाठक लॉज के कमरे से 4 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों के पास से एक देशी लोडेड कट्टा और 6 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। गिरफ्तार अपराधियों में विशाल यादव है, जिसका आपराधिक इतिहास रहा है। विशाल यादव पहले भी जेल जा चुका है। वही इसके साथ तीन अन्य अपराधी आकाश, विशाल कुमार और आशीष की गिरफ्तार हुई है। पुलिस गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ करने में जुटी है।
बता दें बीते मंगलवार को पीएमसीएच में एम्बुलेंस चलाने के वर्चस्व को लेकर अपराधियों की दो बार बंदूकें गरजी थी। पहले पीएमसीएच के सीतामढ़ी क्वार्टर में अपराधी ने एक एम्बुलेंस चालक की सिर में गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था, जो पीएमसीएच में ही जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। जख्मी युवक कुख्यात अपराधी मो. अलाऊ द्दीन उर्फ बिकाऊ का चचेरा भाई बताया जाता है, जिसकी हत्या कुछ माह पूर्व गोली मारकर कर दी गई थी। इस घटना के कुछ घंटे बाद बदला लेने के नीयत से पीएमसीएच के टाटा वार्ड के पास एक युवक को गोली मारकर घायल कर दिया था। इस गोलीबार के दौरान एक मरीज की महिला तीमारदार को भी गोली लग गई थी। दोनों घटना में कुल तीन लोग जख्मी हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। पूर्व में मारा जा चुका बिकाऊ के दो साला का नाम टाटा वार्ड के पास घटी घटना में सामने आया है, जो फरार है। जबकि पहले वाली घटना में शामिल अपराधियों की पहचान फिलहाल नहीं हो पायी है।
सूत्र बताते हैं किबिकाऊ का दोनों साला सुलतानगंज में रहता है, उसमें एक साला पीएमसीएच के पास ही क्लिनिक खोल रखा है और उसका भी एम्बुलेंस बिकाऊ चलवाता था। बिकाऊ ने इस धंधे में सगे संबंधियों को भी जोड़ लिया था और वह चाहता था कि पीएमसीएच में सिर्फ उसका एकछत्र राज रहे। बिकाऊ के मारे जाने के बाद उसका साला पीएमसीएच में निजी एम्बुलेंस चलाने के लिए अपना वर्चस्व कायम करना चाहता है, जबकि दूसरा गुट अपना। कहा तो यह भी जाता है कि कुख्यात मो. अलाऊ द्दीन जब जीवित था तो पीएमसीएच के पास किसी दूसरे का एम्बुलेंस तक नहीं लगने देता था, अगर जिसने लगा लिया तो समझो उसकी शामत आ गई। उसके गुर्गे मारपीट करने से कतई गुरेज नहीं करते थे। यहां तक की एम्बुलेंस नहीं चलने देने की वजह से कई लोगों की एम्बुलेंस रखे-रखे कबाड़ में तब्दील हो गई। इधर हाल के दिनों में भी वहां दोनों गुटोें के बीच मारपीट हुई थी। अगर पटना पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो वर्चस्व की जंग में कईयों की जान जा सकती है।
बहरहाल, पटना पुलिस एम्बुलेंस चलाने के लिए वर्चस्व की जंग को खत्म करने के लिए आगे क्या सख्त कदम उठाती है, देखनेवाली बात है।

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