पटना में गांजा तस्कर को पुलिस ने दबोचा, 1 किलो गांजा बरामद, 6 महीने से थी नजर

पटना। जिले के दानापुर थाना क्षेत्र में गांजा तस्करी का एक मामला सामने आया है। इस पूरे अभियान का नेतृत्व मिलिट्री इंटेलिजेंस लखनऊ की टीम ने किया, जिसे दानापुर पुलिस का सहयोग मिला। ताराचक पानी टंकी के पास स्थित एक किराना दुकान में प्रेमजीत कुमार नामक युवक अवैध रूप से गांजा बेच रहा था। मिलिट्री इंटेलिजेंस को बीते छह महीने से प्रेमजीत पर शक था और वह लगातार उनकी निगरानी में था।
गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी
सूचना मिली थी कि प्रेमजीत अपनी दुकान की आड़ में नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा है। इस जानकारी के बाद दानापुर थाना और मिलिट्री इंटेलिजेंस की संयुक्त टीम ने योजना बनाकर किराना दुकान पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान प्रेमजीत को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से एक किलो गांजा और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ।
पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया
गिरफ्तार युवक प्रेमजीत से पुलिस ने गहन पूछताछ की। पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दानापुर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार भारद्वाज ने बताया कि अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह गांजा कहां से लाया गया और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ से बड़े तस्करों के नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। इस मामले में थाने में कांड संख्या 774/25 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान
मिलिट्री इंटेलिजेंस लखनऊ की टीम पिछले कुछ समय से बिहार के विभिन्न इलाकों में नशे और हथियारों की तस्करी के खिलाफ विशेष अभियान चला रही है। इस अभियान का उद्देश्य नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करना है। दानापुर, पटना, मधुबनी सहित कई जिलों में मिलिट्री इंटेलिजेंस ने प्रभावी कार्रवाई की है।
पिछले एक साल में कई गिरफ्तारियां
पिछले एक वर्ष में मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचनाओं के आधार पर दानापुर कैंट क्षेत्र से कुल पांच तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से अधिकांश मामलों में या तो नशीले पदार्थ या अवैध हथियार बरामद हुए हैं। यह अभियान लगातार जारी है और इसका दायरा भी धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है।
मधुबनी में भी बड़ी बरामदगी
इसी महीने की 8 जुलाई को मिलिट्री इंटेलिजेंस की एक और बड़ी कार्रवाई मधुबनी जिले में हुई, जहां भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद किए गए थे। यह बरामदगी भी गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी, जिससे साफ होता है कि राज्य में अवैध गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियां गंभीरता से काम कर रही हैं।
स्थानीय स्तर पर चौकसी बढ़ाने की जरूरत
यह मामला इस ओर इशारा करता है कि छोटे स्तर पर दुकान या सामान्य व्यवसाय की आड़ में भी अवैध कारोबार पनप रहे हैं। ऐसे में पुलिस और खुफिया एजेंसियों को स्थानीय स्तर पर निगरानी और सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही आम नागरिकों को भी जागरूक होकर संदिग्ध गतिविधियों की सूचना समय पर पुलिस को देनी चाहिए, ताकि समाज को नशे जैसी बुराई से मुक्त किया जा सके। दानापुर में प्रेमजीत कुमार की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि अवैध गतिविधियां चाहे कितनी भी छुपी हों, कानून की निगरानी से नहीं बच सकतीं। मिलिट्री इंटेलिजेंस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त सक्रियता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि नशे के खिलाफ लड़ाई पूरी ताकत के साथ जारी है और इसमें समाज की भागीदारी भी बेहद जरूरी है।
