मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने पर पीएम ने दी बधाई, कहा- वे कल्चरल आइकॉन बन लाखों की प्रेरणा बने

नई दिल्ली। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सुप्रसिद्ध अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को 2024 में प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जो भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान की पहचान है। इस महत्वपूर्ण पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा की गई, और इसे 8 अक्टूबर 2024 को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान प्रदान किया जाएगा। इस समाचार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी खुशी जाहिर की और मिथुन चक्रवर्ती को एक सांस्कृतिक आइकॉन के रूप में सम्मानित करते हुए उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि मिथुन चक्रवर्ती ने भारतीय सिनेमा में अपने बहुमुखी और प्रेरणादायक प्रदर्शन से लाखों लोगों को प्रभावित किया है। उनकी अभिनय यात्रा को एक ऐसी मिसाल बताया जो भारतीय संस्कृति और कला को समृद्ध करने का कार्य करती है। पीएम ने मिथुन चक्रवर्ती की तारीफ करते हुए लिखा कि वे कई पीढ़ियों से प्रशंसित कलाकार हैं और उनकी अभिनय कला को विविधता और गहराई के लिए सराहा जाता रहा है। मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी करियर अत्यंत विविधतापूर्ण रहा है। उनका जन्म 16 जून 1950 को कोलकाता में हुआ था और उन्होंने बंगाली, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, ओड़िया और भोजपुरी जैसी विभिन्न भाषाओं में 350 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1976 में आई फिल्म मृगया से की थी, जिसने उन्हें पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया। उनकी यह फिल्मी यात्रा भारतीय सिनेमा में एक नए अध्याय की शुरुआत थी, और इस सफलता के बाद उन्होंने कई प्रतिष्ठित फिल्मों में अपने अभिनय से सबको मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीता है, जो उनकी अद्वितीय अभिनय प्रतिभा की गवाही देते हैं। मिथुन चक्रवर्ती न सिर्फ एक शानदार अभिनेता हैं, बल्कि वे अपने अभिनय से समाज को प्रेरित करने वाले व्यक्तित्व भी माने जाते हैं। वे सिनेमा के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने और उनके बीच संवाद स्थापित करने का कार्य करते आए हैं। 2024 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाना उनके समर्पण और कला के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सबसे बड़ा प्रमाण है। इससे पहले, उन्हें इस वर्ष की शुरुआत में पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था, जो कि भारतीय कला और संस्कृति में उनके योगदान को सराहने का एक और महत्वपूर्ण कदम था। मिथुन चक्रवर्ती के अभिनय करियर की गहराई और व्यापकता को देखते हुए, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वे भारतीय सिनेमा के उन कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने कला को एक नया आयाम दिया है। उनकी विविधतापूर्ण अभिनय शैली, नृत्य कौशल और चरित्रों में गहराई के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत प्रेरणादायक कहानी ने उन्हें एक ऐसे कलाकार के रूप में स्थापित किया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे। दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान है और मिथुन चक्रवर्ती के नाम इसका जुड़ना उनके फिल्मी सफर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होता है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में मिथुन चक्रवर्ती का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा, और उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

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