December 8, 2025

धनतेरस पर प्रधानमंत्री ने 51236 युवाओं को दी नौकरी की सौगात, पटना के 217 अभ्यर्थियों को सौपा नियुक्ति पत्र

नई दिल्ली/पटना। धनतेरस के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 51,236 युवाओं को सरकारी नौकरी देकर एक नई शुरुआत की सौगात दी। इस रोजगार मेले के दौरान विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में नव-चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। देशभर में हुई इस नियुक्ति प्रक्रिया में हरियाणा से सबसे अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र मिला, वहीं बिहार के पटना में भी 217 युवाओं को केंद्र सरकार में नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
रोजगार मेला: पटना में केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति
पटना के सरदार पटेल भवन के ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, राजीव रंजन (ललन सिंह), जीतनराम मांझी और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति ने इस अवसर को और खास बना दिया, जहां उपस्थित युवाओं में नई ऊर्जा और उत्साह दिखाई दिया।
विभिन्न मंत्रालयों में नियुक्तियाँ
इस रोजगार मेले के तहत केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में SSC, NTPC जैसे प्रतिष्ठित विभागों में नियुक्तियाँ की गई हैं। रोजगार पाने वाले युवा अब राजस्व विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। यह सभी नियुक्तियाँ सरकारी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत की गई हैं, जो प्रधानमंत्री के “रोजगार सृजन” पर विशेष जोर को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री का संबोधन: विकसित भारत का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए नव-नियुक्त युवाओं को इस अवसर पर शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना पूरा करने में इन युवाओं की भागीदारी अहम होगी। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार पिछले सरकारों की तुलना में दोगुना सरकारी नौकरियाँ दे रही है और इसके साथ ही स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री के अनुसार, सरकारी नौकरियों के साथ-साथ युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी है। प्रधानमंत्री ने युवाओं को दोहरी दिवाली मनाने का संदेश दिया और कहा कि यह नौकरी उनके जीवन की एक नई शुरुआत है, जो उन्हें व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के साथ-साथ देश के विकास में भी योगदान देने का अवसर प्रदान करेगी।
केंद्र सरकार की रोजगार नीति में सुधार
केंद्र सरकार की रोजगार नीतियों के तहत समय-समय पर भर्ती प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है, ताकि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार बेरोजगारी दर को कम करने के लिए सरकारी नौकरियों के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसर भी बना रही है। इन नियुक्तियों से स्पष्ट होता है कि सरकार सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का विस्तार कर रही है। रोजगार मेले के माध्यम से अभ्यर्थियों को न केवल सरकारी नौकरी दी जा रही है, बल्कि युवाओं को स्वावलंबी बनाने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाने का संदेश भी दिया जा रहा है।
बिहार में सरकारी नौकरी की बढ़ती मांग
बिहार में सरकारी नौकरियों की मांग हमेशा से उच्च रही है। पटना में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान, 217 युवाओं को नियुक्ति पत्र मिलने से अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिली है। सरकारी नौकरी के प्रति बिहार के युवाओं में विशेष आकर्षण देखा जाता है, और इस तरह की नियुक्तियों से उनमें आत्मविश्वास और उत्साह बढ़ता है। सरकारी नौकरी मिलने के बाद युवा अब देश की सेवा के साथ-साथ अपने परिवारों को भी आर्थिक स्थिरता प्रदान कर पाएंगे।
सरकारी पहल और भविष्य की संभावनाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धनतेरस के अवसर पर यह पहल युवाओं के लिए एक बड़ी सौगात है। यह कार्यक्रम केवल सरकारी नियुक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश में विकासशील भविष्य और युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने का एक बड़ा कदम है। सरकारी विभागों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर सरकार न केवल बेरोजगारी दर को कम कर रही है, बल्कि देश के निर्माण में युवाओं को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित भी कर रही है। धनतेरस के इस विशेष अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा किया गया यह रोजगार मेला भारत के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह सरकारी पहल न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा कर रही है, बल्कि यह देश की विकास यात्रा को नई दिशा भी दे रही है। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और भी अधिक युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, जिससे भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकेंगे।

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