हैदराबाद में कराची बेकरी के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा, जमकर तोड़फोड़, नाम बदलने की मांग

तेलंगाना। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़ते तनाव का असर अब व्यावसायिक संस्थानों पर भी पड़ता दिख रहा है। हैदराबाद की प्रसिद्ध कराची बेकरी एक बार फिर विवादों में घिर गई है। इस बार विवाद इतना बढ़ गया कि लोगों ने बेकरी की एक शाखा में तोड़फोड़ की और उसका नाम बदलने की मांग की।
विरोध और तोड़फोड़ की घटना
तेलंगाना के शमशाबाद इलाके में स्थित कराची बेकरी की शाखा पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन भाजपा के सदस्यों द्वारा आयोजित किया गया था। प्रदर्शन के दौरान बेकरी के साइनबोर्ड को नुकसान पहुंचाया गया, हालांकि किसी कर्मचारी को कोई शारीरिक नुकसान नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि वह घटना के कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गई और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया।
पहले भी हो चुका है विरोध
यह पहली बार नहीं है जब कराची बेकरी को विरोध का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी विभिन्न अवसरों पर बेकरी को निशाना बनाया गया है। पिछले हफ्ते भी बंजारा हिल्स में स्थित एक शाखा पर प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा झंडा लगाया था। इसके अलावा, 2019 में पुलवामा हमले के समय भी कराची बेकरी में तोड़फोड़ की गई थी।
बेकरी का इतिहास और नाम का विवाद
कराची बेकरी की स्थापना 1953 में हैदराबाद के मोजमजही मार्केट में हुई थी। इसका नाम पाकिस्तान के कराची शहर के नाम पर रखा गया था, क्योंकि इसके संस्थापक एक सिंधी हिंदू परिवार से हैं, जो भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय कराची से भारत आकर बसे थे। यह बेकरी आज एक भारतीय व्यवसाय है और पूरी तरह से भारतीय नागरिकों द्वारा संचालित होती है। बेकरी के मालिकों का कहना है कि वे भारतीय हैं और उनका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है।
बेकरी का पक्ष और मालिकों की अपील
कराची बेकरी के मैनेजर ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि उनका संस्थान पूरी तरह से भारतीय है और उसे पाकिस्तान समर्थक कहना अनुचित है। उन्होंने बताया कि वे केवल नाम के कारण निशाना बनाए जा रहे हैं। बेकरी के मालिक राजेश और हरीश रामनानी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
पुलिस की कार्रवाई और मामला दर्ज
घटना के संबंध में आरजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 126 (2) और 324 (4) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि वे आरोपियों की पहचान कर रहे हैं और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। कराची बेकरी पर हुआ यह हमला न केवल व्यावसायिक स्वतंत्रता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे अब आम नागरिकों और उनके व्यवसायों को किस तरह प्रभावित कर रहे हैं। ऐसी घटनाएं समाज में नफरत फैलाने का काम करती हैं और इनके खिलाफ सख्त कदम उठाना आवश्यक है।
