बिहार का मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह कोई व्यक्ति नहीं बल्कि बिहार की जनता तय करेगी : उपमुख्यमंत्री

- मांझी की मांग पर तेजस्वी न दी अपनी प्रतिक्रिया, जनता को बताया मालिक
पटना। बिहार में महागठबंधन के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सीएम पद पर अपने बेटे की दावेदारी पेश कर बिहार में सियासी हलचलें बढ़ा दी है। जिसके बाद अब इस मामले को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करवाई है। उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि, बिहार में या देश के किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह जनता तय करती है ना कि पार्टी। तेजस्वी ने कहा कि, मैं कौन होता हूं यह डिसाइड करने वाला की कौन मुख्यमंत्री बनेगा और कौन नहीं। यह यह सब कुछ जनता के हाथों में है और जनता ही तय करेगी। इससे पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अरवल में कहा था कि आजादी मिली है 75 वर्ष हो चुके हैं इसके बावजूद आज तक दलित और पिछड़े समाज से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं हुआ है।
पूर्व सीएम मांझी ने की थी अपने बेटे को सीएम बनाने की मांग
इस दौरान मांझी ने अपने बेटे की वकालत करते हुए कहा था कि मंत्री संतोष सुमन पढ़े-लिखे हैं। अभी बिहार में जो मंत्रिमंडल में शामिल है या जो बड़े पद पर बने हुए हैं उनको अच्छी तरह से पढ़ा लिखा सकते हैं। इसलिए बिहार का मुख्यमंत्री उन्हें बनना चाहिए। इसके बाद मांझी के इस बयान को लेकर बिहार की सियासत काफी गर्म हो गई थी। जीतन राम मांझी ने अपने बेटे का नाम प्रस्तावित करते हुए कहा कि वह औरों से ज्यादा पढ़ा लिखा है वैसे लोग को पढ़ा सकता है जिनके नाम आज सीएम बनने के लिए आगे आ रहा है। संतोष प्रोफेसर हैवर्सियन क्यों नहीं बन सकता क्योंकि वह बस एक निचली जाति से आता है। वहीं, मांझी के इस बयान के बाद राजनीतिक जानकारों द्वारा यह कहा जाना शुरू कर दिया गया कि जीतन राम मांझी तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की बातों को लेकर नाराज है वह चाहते हैं कि नीतीश के बाद इस महागठबंधन से किसी को सीएम के रूप में आगे किया जाए तो वह तेजस्वी यादव ना हो। तभी वह इस तरह की बातें कहते फिर रहे हैं।
