पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में उमस और गर्मी से लोग परेशान, 12 जिलों में आंधी के साथ बारिश का अलर्ट

पटना। बिहार में जून की शुरुआत के साथ ही मौसम ने अप्रत्याशित करवट ले ली है। राजधानी पटना समेत राज्य के कई जिलों में भीषण गर्मी और उमस से लोग बेहाल हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर, मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों में तेज आंधी, बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। इस बदले हुए मौसम ने जहां लोगों को गर्मी से कुछ राहत दी है, वहीं इसकी तीव्रता से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
तेज गर्मी और उमस से बेहाल बिहार
राज्य के ज्यादातर जिलों में तापमान 37 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। रोहतास और गोपालगंज जैसे जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। पटना में अधिकतम तापमान 37.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जबकि गोपालगंज में यह 40.8 डिग्री तक पहुंच गया। इस भीषण गर्मी के साथ ही हवा में बढ़ती नमी ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। दिन में चिलचिलाती धूप और रात में भी पसीने से तरबतर मौसम ने सामान्य जनजीवन को खासा प्रभावित किया है।
बारिश और तूफान की चेतावनी
इस बीच, मौसम विभाग ने 12 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और वैशाली शामिल हैं। इन जिलों में अगले 24 घंटों के भीतर 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने, भारी बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। इसके अतिरिक्त, राज्य के अन्य 26 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिनमें पटना, गया, रोहतास, भागलपुर, सुपौल और मधेपुरा प्रमुख हैं। इन इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
किसानों और प्रशासन के लिए चुनौती
मौसम के इस बदले मिजाज से किसानों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। तेज आंधी और ओलावृष्टि की आशंका से खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है। खासकर आम और लीची की फसलें इस समय तैयार हैं, जिन पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। साथ ही, बिजली गिरने की घटनाएं जान-माल की हानि का कारण बन सकती हैं। प्रशासन ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
लोगों के लिए एहतियात जरूरी
मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान सतर्कता बरतें। वज्रपात के समय पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे खड़े न हों, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कम उपयोग करें, और घर के अंदर या सुरक्षित स्थानों पर रहें। खुले मैदानों और ऊंचे स्थानों से दूर रहना बेहतर होगा।
मानसून की उम्मीद और संभावनाएं
इस बार मानसून केरल में सामान्य से आठ दिन पहले यानी 24 मई को ही पहुंच चुका है। मौसम विभाग का अनुमान है कि बिहार में मानसून 10 से 12 जून के बीच दस्तक दे सकता है। इससे इस बार सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई जा रही है, जो राज्य के किसानों के लिए राहत की खबर है। बिहार में मौजूदा मौसम की यह स्थिति गर्मी से राहत जरूर दे रही है, लेकिन इसके साथ ही यह प्राकृतिक आपदा का खतरा भी लेकर आई है। प्रशासन और आम लोगों दोनों को सतर्कता और समझदारी से इसका सामना करने की जरूरत है।

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