प्रदेश के 32 जिलों में वज्रपात के साथ वर्षा का येलो अलर्ट, पटना समेत कई जिलों में उमस और गर्मी से लोग परेशान

पटना। बिहार में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने वाला है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 32 जिलों में शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। अलर्ट में हल्की बारिश, तेज हवाएं और वज्रपात की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही कुछ जिलों में उमस भरी गर्मी से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
तेज हवाओं और बारिश की संभावना
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, इन 32 जिलों में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। साथ ही बादल गरजने और वज्रपात के साथ हल्की बारिश के आसार भी हैं। यह स्थिति आंधी-तूफान की आशंका नहीं तो जरूर, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सतर्कता की आवश्यकता को दर्शाती है। बिजली गिरने की घटनाओं से बचाव के लिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
कुछ जिलों में उमस भरी गर्मी बरकरार
जहां एक ओर कई जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है, वहीं बाकी के जिलों में उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। गुरुवार को पटना समेत कई जिलों में तेज धूप और अधिक आर्द्रता के कारण लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा। पटना में अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस रहा। यहां आर्द्रता 48 प्रतिशत के आसपास रही, जिससे तापमान अपेक्षाकृत अधिक महसूस हुआ।
कहां कितनी बारिश और तापमान
बीते 24 घंटे में भागलपुर, किशनगंज, बांका और अररिया जिलों में बारिश दर्ज की गई। बारिश के साथ ही इन क्षेत्रों में तेज हवाएं भी चलीं। वहीं दूसरी ओर, नालंदा और मधेपुरा जैसे जिलों में तेज धूप और तपिश बनी रही। मोतिहारी और रोहतास जैसे जिलों में सबसे अधिक गर्मी रही, जहां अधिकतम तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, बांका जिले में सबसे कम अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो बारिश के कारण संभव हुआ।
मानसून की दस्तक और उम्मीदें
इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून समय पर पहुंचा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, यह अब तक छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर बंगाल की खाड़ी, पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम तक पहुंच चुका है। यह खबर कृषि क्षेत्र के लिए राहत देने वाली है, क्योंकि मानसून की समय पर दस्तक खरीफ फसलों की बुआई के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है।
बिहार में मानसून के सक्रिय होने की संभावना
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जून के दूसरे सप्ताह तक मानसून बिहार में भी सक्रिय हो सकता है। इससे किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है, जो इस समय खेतों की तैयारी में लगे हुए हैं। हालांकि, इससे पहले प्रदेश के कई हिस्सों में अस्थायी रूप से तेज गर्मी और उमस का दौर जारी रहेगा।
सावधानी और तैयारी जरूरी
हालांकि बारिश और बादलों की आहट कुछ जिलों में राहत देने वाली साबित हो सकती है, लेकिन वज्रपात जैसी घटनाओं से बचाव के लिए विशेष सतर्कता जरूरी है। खासकर ग्रामीण इलाकों में लोगों को खुले स्थानों से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। इस प्रकार, बिहार में मौसम का यह बदलाव जहां एक ओर राहत लाएगा, वहीं दूसरी ओर सावधानी न बरतने पर जान-माल की हानि भी हो सकती है। इसलिए आवश्यक है कि मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लिया जाए और सुरक्षा के सभी उपाय किए जाएं।
