प्रदेश में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए विशेष आवासीय विद्यालय का होगा निर्माण, सरकार से मिली मंजूरी

पटना। बिहार में पुलिसकर्मियों के बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए एक विशेष आवासीय विद्यालय बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से न सिर्फ पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने में भी मदद मिलेगी।
श्रीकृष्ण विद्यालय के तर्ज पर होगा निर्माण
एडीजी (बजट, अपील व कल्याण) कमल किशोर सिंह ने शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए श्रीकृष्ण विद्यालय था, लेकिन वर्ष 2000 में बिहार के बंटवारे के बाद यह विद्यालय झारखंड के हिस्से में चला गया। अब उसी तर्ज पर बिहार में फिर से नया आधुनिक आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा।
अत्याधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
यह विद्यालय अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीक से सुसज्जित होगा। इसमें बच्चों की शिक्षा के साथ ही रहने और खेलकूद जैसी तमाम बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस परियोजना में एडसेल कंपनी को कंसल्टेंट के रूप में शामिल किया गया है, जो स्कूल की योजना से लेकर निर्माण तक हर पहलू में सहयोग करेगी। जल्द ही इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
पुलिसकर्मियों के कल्याण की दिशा में बड़ा कदम
एडीजी कमल किशोर सिंह ने बताया कि यह विद्यालय पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। पुलिसकर्मी दिन-रात राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में जुटे रहते हैं। ऐसे में उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। आवासीय विद्यालय से बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाई का अवसर मिलेगा।
विधानमंडल सत्र के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम
एडीजी ने बिहार विधानमंडल के आगामी सत्र की तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे ताकि कोई अवांछित गतिविधि न हो सके। साथ ही पुलिस से जुड़े सवालों के त्वरित जवाब देने के लिए सभी जिलों में विशेष कोषांग बनाए गए हैं, जो विधानसभा के दौरान पूरी जानकारी देंगे।
पुलिस सहायता और कल्याण के अन्य कदम
पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए सरकार अन्य योजनाओं पर भी काम कर रही है। पिछले एक महीने में 26 सिपाहियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गई है। इसके अलावा पुलिस सहायता कल्याण कोष से 6 लाभार्थियों को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना के तहत भी अब तक 203 पुलिसकर्मियों को 1 करोड़ 34 लाख 51 हजार रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
परिवारों में बढ़ा भरोसा
इस नए विद्यालय की घोषणा से पुलिसकर्मियों के परिवारों में उम्मीद जगी है कि उनके बच्चों को भी अच्छी शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य के लिए जरूरी अवसर मिलेंगे। गांव और दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए यह स्कूल किसी वरदान से कम नहीं होगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो बिहार सरकार का यह फैसला पुलिसकर्मियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने और उनके परिवारों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। आने वाले समय में इस विद्यालय से सैकड़ों बच्चों को न सिर्फ बेहतर शिक्षा मिलेगी बल्कि वे समाज के लिए एक जिम्मेदार नागरिक भी बन पाएंगे।
