November 12, 2025

यूपीआई से पेमेंट करने की लिमिट बढ़ी, मर्चेंट को कर सकेंगे 10 लाख तक का भुगतान, नियम लागू

नई दिल्ली। डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने यूपीआई ट्रांजैक्शंस की लिमिट में अहम बदलाव किए हैं। 15 सितंबर 2025 से लागू हुए इन नए नियमों का सीधा असर करोड़ों उपभोक्ताओं और कारोबारियों पर होगा। अब विभिन्न कैटेगरीज में बड़ी राशि का भुगतान आसानी से किया जा सकेगा। यह बदलाव खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें रोजमर्रा में बड़े लेन-देन करने पड़ते हैं जैसे लोन ईएमआई, इंश्योरेंस प्रीमियम, शेयर बाजार निवेश, सरकारी फीस या ट्रेवल बुकिंग।
पहले की स्थिति और अब का बदलाव
पहले यूपीआई से अधिकतर भुगतान की सीमा 1 लाख रुपये प्रतिदिन थी। कुछ मामलों में यह 2 लाख रुपये तक थी। ऐसे में जब भी किसी उपभोक्ता को बड़ी राशि का भुगतान करना होता था, उसे बार-बार ट्रांजैक्शन करना पड़ता था। लेकिन अब नई गाइडलाइंस के तहत अलग-अलग क्षेत्रों में लिमिट को कई गुना बढ़ा दिया गया है। कहीं यह सीमा 5 लाख रुपये कर दी गई है तो कहीं 10 लाख रुपये तक पहुंच गई है।
इंश्योरेंस प्रीमियम और लोन ईएमआई का आसान भुगतान
जो लोग हर महीने लोन की किस्तें या इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं, उनके लिए यह बदलाव राहत लेकर आया है। अब एक ट्रांजैक्शन में 5 लाख रुपये तक और एक दिन में 10 लाख रुपये तक का भुगतान किया जा सकता है। पहले यह सीमा काफी कम होने के कारण बड़े भुगतान को विभाजित करना पड़ता था। नई सुविधा से समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।
शेयर बाजार और सरकारी फीस की नई सीमा
शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए भी यह बदलाव महत्वपूर्ण है। अब वे प्रति ट्रांजैक्शन 5 लाख रुपये तक का निवेश यूपीआई से कर सकेंगे। इसी तरह सरकारी फीस जैसे टैक्स, रजिस्ट्रेशन फीस या अन्य शुल्क भी अब आसानी से यूपीआई के जरिए बड़े स्तर पर चुकाए जा सकेंगे। यह कदम निवेशकों और कारोबारियों दोनों के लिए लाभकारी होगा।
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट
क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए भी एनपीसीआई ने पेमेंट सीमा बढ़ा दी है। अब एक बार में 5 लाख रुपये तक का बिल चुकाया जा सकेगा, जबकि एक दिन में अधिकतम 6 लाख रुपये का भुगतान संभव होगा। इससे हाई लिमिट क्रेडिट कार्ड रखने वालों को सुविधा होगी और उन्हें बार-बार ट्रांजैक्शन करने की परेशानी से निजात मिलेगी।
यात्रा और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस में लाभ
यात्रा से जुड़ी बुकिंग या गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस से खरीदारी करने वालों को भी अब ज्यादा सहूलियत मिलेगी। पहले यहां लिमिट कम थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दिया गया है। बड़ी टिकट बुकिंग्स या सरकारी प्लेटफॉर्म से सामान खरीदना अब सरल और सुरक्षित होगा।
ज्वेलरी और बड़े खर्च की सुविधा
ज्वेलरी खरीद पर पहले यूपीआई से अधिकतम 1 लाख रुपये का ही भुगतान संभव था। अब इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और 6 लाख रुपये की दैनिक सीमा कर दी गई है। इस बदलाव से ज्वेलरी कारोबारियों और ग्राहकों दोनों को फायदा मिलेगा। लोग अब आसानी से डिजिटल पेमेंट से बड़ी खरीदारी कर पाएंगे।
बैंकिंग और फॉरेक्स में डिजिटल ऑनबोर्डिंग
विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) और डिजिटल बैंकिंग से जुड़े लेन-देन के लिए भी अब यूपीआई की सीमा 5 लाख रुपये कर दी गई है। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी होगी जो अंतरराष्ट्रीय लेन-देन या फॉरेक्स मार्केट में सक्रिय रहते हैं।
आईपीओ बिडिंग में कोई बदलाव नहीं
गौरतलब है कि आईपीओ बिडिंग की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहां पहले की तरह 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन की सीमा ही लागू रहेगी। इसका मतलब है कि निवेशक इस सीमा के तहत ही नए आईपीओ में निवेश कर सकेंगे।
उपभोक्ताओं पर असर
नई लिमिट्स लागू होने के बाद उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खरीदारी या भुगतान करना बेहद आसान हो जाएगा। उन्हें बार-बार छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही एनपीसीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि नई लिमिट्स पर किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। यानी उपभोक्ता पहले की तरह ही यूपीआई का मुफ्त और आसान इस्तेमाल कर पाएंगे। एनपीसीआई द्वारा किए गए इन बदलावों से डिजिटल पेमेंट को नई गति मिलेगी। बड़ी राशि के भुगतान की सुविधा से न केवल आम लोगों को बल्कि कारोबारियों और निवेशकों को भी राहत मिलेगी। यह कदम भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा। अब यूपीआई केवल छोटे-छोटे लेन-देन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बड़े वित्तीय लेन-देन के लिए भी सबसे विश्वसनीय विकल्प बनकर उभरेगा।

You may have missed