बिहार बीजेपी की लिस्ट से बाहर होने के बाद पवन सिंह लड़ सकते हैं आसनसोल से चुनाव, बातचीत जारी

पटना। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा ने बिहार के सभी 17 सीटों के उम्मीदवार की सूची रविवार को जारी कर दी है। जिसमें भाजपा ने आरा लोकसभा के लिए राज कुमार सिंह पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर से मौका दिया है। राज कुमार ने आरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का दावा तो पहले ही कर दिया था। आर के सिंह और सासाराम लोकसभा क्षेत्र से अगिआंव के पूर्व विधायक सह प्रदेश महामंत्री शिवेश राम को प्रत्याशी घोषित होने पर भाजपा भोजपुर के समस्त कार्यकर्ता और समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। वही, आरा लोकसभा सीट से भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह चुनाव लड़ना चाहते थे। आसनसोल सीट को ठुकराने के बाद भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पवन सिंह पर भरोसा नहीं जताया है। यही कारण है कि पवन सिंह को बिहार के किसी भी सीट से उन्हें भाजपा ने उम्मीदवार नहीं बनाया है। ये भी चर्चा थी पवन सिंह राजद के संपर्क में है। भाजपा या एनडीए आरा लोकसभा सीट से अगर उम्मीदवार घोषित नहीं करती है तो वो राजद से चुनाव लड़ सकते है। पवन सिंह को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया था। लेकिन टिकट मिलने के 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि पवन सिंह ने आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ने की सूचना दे दी। दरअसल, पवन सिंह ने एक्स पर लिखा था कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को दिल से आभार प्रकट करता हूं, पार्टी ने मुझ पर विश्वास करके आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन किसी कारण वश में आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा। इसके बाद पवन सिंह ने दोबारा एक्स ऐप पर एक मैसेज जारी किया था जिसमें पवन सिंह ने लिखा है कि “मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लड़ूंगा । आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है।। जय माता दी”। इस पोस्ट के बाद भोजपुर जिला वासियों को सोचने पर मजबूर कर दिया था। पवन सिंह की आरा लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा से भाजपा के जिला इकाई के शीर्ष नेताओं से लेकर कार्यकर्ता साथ ही भाजपा समर्थक लोगों में नाराजगी थी। नाराजगी पवन सिंह को लेकर नहीं थी बल्कि राज कुमार सिंह के द्वारा किए गए विकास के कार्य रुकने का डर था।
चुनाव लड़ने से पहले जनता के बीच आना चाहिए था
वही, आरा लोकसभा की जनता पवन सिंह को टिकट मिलने की चर्चा को नकारती आई है। लोगों का साफ तौर पर कहना है कि पवन सिंह को सबसे पहले जनता के पास जाना चाहिए। उनके बीच समय बिताने के साथ-साथ सामाजिक तौर पर सामने आना चाहिए। पवन सिंह भोजपुरी के पावर स्टार है लेकिन पावर मिनिस्टर के सामने कुछ भी नहीं। जनता चाहती है कि पार्टी जहां से भी टिकट दे, वहां से किस्मत आजमाएं। बिहार से आउट होने के बाद ये भी चर्चा है कि दोबारा से पवन सिंह आसनसोल से लड़ सकते है क्योंकि भाजपा आसनसोल से अभी तक दूसरा कोई भी उम्मीदवार का नाम की घोषणा नहीं की है।
दो बार लगातार लोकसभा चुनाव जीतकर बनाया है रिकॉर्ड
गौरतलब है कि आरा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार लगातार लोकसभा चुनाव जीतकर आरके सिंह लोगों के चहेते नेता बन गए हैं। आरके सिंह ने 2014 में आरा में भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उन्होंने राजद के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को 1 लाख 35 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया। उसके बाद उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाकपा (माले) लिबरेशन के राजू यादव को 1 लाख 47 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और आरा निर्वाचन क्षेत्र से अपनी सीट बरकरार रखने वाले पहले नेता भी बन गए। दोनों चुनावी जीतों के बाद आरके सिंह केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा भी रहे।
1 जून को आरा में लोकसभा चुनाव
वहीं, भाजपा ने एक बार फिर से आरके सिंह पर विश्वास जताया है और उनको जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरी है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है आरा से विपक्ष में कौन मैदान में उतरने वाले है। वहीं, बीते महीनों यह सीट राजद की माना जाने लगी थी और यहां लालू के करीबी को टिकट मिलने की चर्चा जोरो से होने लगी थी। लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि यहां माले टिकट की मांग कर रहा है। 1 जून को आरा में लोकसभा चुनाव को लेकर वोटिंग होनी है।

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