पहाड़ों में भारी बर्फबारी से तीन दिनों में चार डिग्री तक गिरा पटना का तापमान, शीतलहर का अलर्ट जारी

पटना। पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बर्फबारी का असर बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य शहरों में भी देखने को मिल रहा है। शुष्क और सर्द पछुआ हवाओं के चलते बीते कुछ दिनों में पटना का तापमान तेजी से गिरा है। मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते तीन दिनों में पटना के न्यूनतम तापमान में 4.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। नौ दिसंबर को पटना का न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस था, जो 14 दिसंबर को घटकर 11.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है, जो 22.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दिसंबर के पहले पखवाड़े के बाद सर्दी का प्रभाव और अधिक तेज होगा।
राज्य में शीतलहर और घने कोहरे का अलर्ट
राज्य के तराई इलाकों में घने कोहरे का असर देखा जा सकता है। मौसम विभाग ने शीतलहर और पाला पड़ने की संभावना जताई है। इन परिस्थितियों को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को शीतलहर से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
घर में गर्म कपड़े पहने, रात में कम निकले घर से बाहर, बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान
पटना के अलावा, बिहार के अन्य जिलों में भी तापमान में गिरावट देखी जा रही है। खासतौर पर सुबह और रात के समय ठंड का असर ज्यादा महसूस किया जा रहा है। शीतलहर के अलर्ट के चलते प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि ठंड से उनका स्वास्थ्य जल्दी प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक ठंड का यह असर जारी रहेगा। लोगों को गर्म कपड़े पहनने, घर से बाहर कम निकलने, और खुद को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी गई है। पटना समेत पूरे बिहार में ठंड ने अब जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है, और इससे निपटने के लिए प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है।
जिलाधिकारी के निर्देश
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, भूमि सुधार उप समाहर्ताओं और अंचलाधिकारियों को सर्दी से बचाव के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही शीतलहर की शुरुआत हो, गरीब और जरूरतमंद लोगों को इससे बचाने के लिए पर्याप्त अलाव की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन विभाग की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।
