पटना में मतदान के दिन अलर्ट मोड पर रहेगा स्वास्थ्य विभाग, बूथ पर तैनात रहेंगे डॉक्टर, विभाग का निर्देश जारी
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार, 6 नवंबर को मतदान होना है। राजधानी पटना में प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने मतदान के दौरान किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। उद्देश्य यह है कि मतदान शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो और किसी मतदाता, अधिकारी या सुरक्षा कर्मी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल सके।
सदर अस्पताल में बनेगा विशेष कंट्रोल रूम
स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में विशेष व्यवस्था की है। पटना सदर अस्पताल परिसर में एक विशेष चुनाव कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है। इस कंट्रोल रूम के माध्यम से जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों और अस्पतालों से निरंतर संपर्क बना रहेगा। किसी भी बूथ या मतदान केंद्र से स्वास्थ्य संबंधी आपात सूचना मिलने पर टीम तुरंत कार्रवाई करेगी। जिला सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार, यह कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेगा। इसे जिले में पहले से संचालित एईएस कंट्रोल रूम के आधार पर तैयार किया गया है, ताकि पहले से मौजूद तकनीकी और मानव संसाधनों का उपयोग चुनाव अवधि में भी किया जा सके। कंट्रोल रूम में एक निगरानी टीम भी तैनात की जाएगी, जो स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर लगातार नजर रखेगी। इस टीम में डॉक्टर, स्वास्थ्य अधिकारी, और नर्सिंग स्टाफ शामिल रहेंगे।
मतदान केंद्रों के आसपास डॉक्टर और एम्बुलेंस की तैनाती
मतदान के दिन किसी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बूथ स्तर पर भी विशेष इंतजाम किए हैं। जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, प्रत्येक प्रखंड में डॉक्टरों की एक निगरानी टीम बनाई गई है जो मतदान केंद्रों के आसपास स्वास्थ्य सेवाओं की देखरेख करेगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के महत्वपूर्ण बूथों के पास एम्बुलेंस की तैनाती की जा रही है। इन एम्बुलेंसों में प्राथमिक उपचार की सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी ताकि किसी भी मतदाता, अधिकारी या सुरक्षा कर्मी की अचानक तबीयत खराब होने पर तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों और सदर अस्पताल को 24 घंटे के लिए अलर्ट पर रखा है। हर केंद्र पर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की उपस्थिति अनिवार्य की गई है।
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द
चुनाव के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं। उन्हें अपने-अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। सिविल सर्जन ने कहा है कि “चुनाव के दिन किसी भी परिस्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित नहीं होनी चाहिए। यदि किसी मतदान केंद्र पर कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है या कोई दुर्घटना होती है तो उसे तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।”इसके अलावा, मतदान केंद्रों के नजदीक के सरकारी अस्पतालों में विशेष चिकित्सा टीमों को तैनात किया जाएगा। इन टीमों के पास आवश्यक दवाइयों, इंजेक्शनों, और प्राथमिक उपचार सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
जिला नियंत्रण कक्ष से रहेगा सतत संपर्क
मतदान के दिन स्वास्थ्य विभाग का पूरा स्टाफ जिला नियंत्रण कक्ष के संपर्क में रहेगा। नियंत्रण कक्ष से सभी प्रखंडों और अस्पतालों की स्थिति पर नज़र रखी जाएगी। किसी भी इलाके से यदि कोई स्वास्थ्य आपात स्थिति की खबर मिलती है, तो टीम को तुरंत मौके पर भेजा जाएगा। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि एम्बुलेंस सेवाएं बाधित न हों। इसके लिए 108 और 102 नंबर की एम्बुलेंस को पहले से ही स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है। इसके साथ ही ड्राइवरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया है कि चुनाव के दिन आपात स्थिति में कैसे त्वरित कार्रवाई करनी है।
दवाओं और उपकरणों की विशेष व्यवस्था
मतदान के दिन सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों, प्राथमिक उपचार सामग्री, ग्लूकोज, ऑक्सीजन सिलिंडर और इंजेक्शनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। गर्मी, थकान या भीड़भाड़ के कारण मतदाताओं या अधिकारियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए सर्दी-गर्मी दोनों स्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयारी की गई है। विभाग ने यह भी कहा है कि जिन मतदान केंद्रों पर जनसंख्या अधिक है, वहां अस्थायी मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे। इन कैंपों में बुनियादी स्वास्थ्य जांच और प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त पहल
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय के लिए विशेष बैठकें की गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि यदि किसी बूथ पर स्वास्थ्य संबंधी समस्या आती है तो वे तुरंत जिला स्वास्थ्य नियंत्रण कक्ष को सूचित करें। साथ ही, सुरक्षा बलों और मतदान अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि अगर किसी मतदाता की तबीयत बिगड़ती है, तो तुरंत पास की एम्बुलेंस या स्वास्थ्य टीम से संपर्क करें।
चुनावी माहौल में स्वास्थ्य सुरक्षा सर्वोपरि
चुनावी प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचते हैं। ऐसे में भीड़भाड़ और तनाव के बीच स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होना स्वाभाविक है। इसीलिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने इस बार विशेष सतर्कता बरती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार की तैयारी पिछली बारों से अधिक सशक्त और संगठित है। कोविड काल के बाद स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया प्रणाली और अधिक संवेदनशील बनी है। पटना में मतदान के दिन स्वास्थ्य विभाग की यह अलर्ट व्यवस्था न केवल मतदाताओं के लिए राहत भरी है, बल्कि यह चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और सुचारू बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सदर अस्पताल में बना विशेष कंट्रोल रूम, एम्बुलेंस की तैनाती, डॉक्टरों की निगरानी और छुट्टियों की रद्दीकरण—ये सभी कदम दिखाते हैं कि प्रशासन इस बार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मतदान का दिन लोकतंत्र का पर्व होता है, और स्वास्थ्य विभाग की यह सतर्कता सुनिश्चित करेगी कि यह पर्व सुरक्षित और निर्बाध रूप से संपन्न हो।


