October 28, 2025

बेऊर जेल में पटना पुलिस की छापेमारी, कैदियों में हड़कंप, मोबाइल समेत कई आपत्तिजनक सामान बरामद

  • चुनाव के मद्देनज़र सुरक्षा एजेंसियां हुईं सर्तक, जेल में बढ़ाई जा रही निगरानी

पटना। राजधानी पटना के आदर्श केंद्रीय कारा, बेऊर में गुरुवार की सुबह पटना पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने औचक छापेमारी की। जैसे ही छापेमारी की सूचना जेल परिसर में फैली, कैदियों में हड़कंप मच गया। यह कार्रवाई चुनावी सर्तकता के मद्देनज़र की गई, ताकि जेल में बंद अपराधियों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके और किसी भी प्रकार के बाहरी संपर्क या गैरकानूनी गतिविधि को रोका जा सके। छापेमारी की यह कार्रवाई 23 अक्टूबर, 2025 (गुरुवार) की सुबह की गई। इस अभियान का नेतृत्व पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने स्वयं किया। उनके साथ प्रशासनिक और जेल अधिकारी भी मौजूद थे। कार्रवाई के दौरान जेल के विभिन्न बैरकों और परिसरों की गहन तलाशी ली गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की गई हैं, जिनमें पाँच पुराने कीपैड मोबाइल फोन (बिना सिम और बैटरी के) तथा एक ईयरबड शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, ये मोबाइल फोन गंगा खंड के बाहरी परिसर में जमीन के नीचे गीली मिट्टी में दबे हुए मिले। पुलिस ने इन्हें बरामद कर जांच के लिए भेज दिया है। वहीं, विशेष सुरक्षा कक्ष के खंड संख्या 10 में वेंटिलेशन की खिड़की के पीछे से एक पुराना ईयरबड मिला है। जांचकर्ताओं का मानना है कि ये उपकरण जेल के अंदर अवैध संचार के लिए प्रयुक्त किए जाते थे या प्रयुक्त होने की तैयारी में थे। कारा प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जब्त सामग्रियों के संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई के लिए बेऊर थाना को अनुरोध भेजा है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहन जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन उपकरणों को जेल के भीतर किसने और कैसे पहुँचाया। एसएसपी पटना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह छापेमारी एक नियमित लेकिन सख्त निरीक्षण अभियान का हिस्सा है। उन्होंने बताया, “चुनाव के समय जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। कुछ अपराधी जेल के अंदर से भी बाहरी संपर्क बनाए रखने की कोशिश करते हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बेऊर जेल में मिली ये वस्तुएं इस बात का संकेत हैं कि कुछ तत्व अब भी नियमों का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उन पर सख्त कार्रवाई होगी।” जेल अधीक्षक ने बताया कि छापेमारी के दौरान सभी कैदियों की तलाशी ली गई और कई कक्षों की दीवारों, वेंटिलेशन और फर्श की जांच की गई। हालांकि किसी कैदी के पास से प्रत्यक्ष रूप से कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई, लेकिन जमीन के नीचे दबी वस्तुएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि जेल के अंदर कुछ सहयोगी या सफाईकर्मी भी संलिप्त हो सकते हैं। कारा प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की औचक छापेमारियों को नियमित अंतराल पर जारी रखा जाएगा, ताकि जेल के भीतर अनुशासन और सुरक्षा बनी रहे। अधिकारियों ने बताया कि जेल में सीसीटीवी की निगरानी और बढ़ाई जाएगी, साथ ही जेलकर्मियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में प्रशासन को यह इनपुट मिला था कि कुछ अपराधी जेल के अंदर से मोबाइल के माध्यम से बाहरी नेटवर्क से संपर्क बनाए हुए हैं। इसी सूचना के आधार पर यह छापेमारी की गई। हालांकि बरामद मोबाइल फोन पुराने और अनुपयोगी बताए जा रहे हैं, फिर भी पुलिस इसे एक संभावित सुरक्षा खतरे के रूप में देख रही है। गौरतलब है कि बेऊर जेल में पहले भी कई बार मोबाइल फोन, चार्जर और नशे की सामग्री मिलने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस बार चुनावी सर्तकता के दौरान की गई कार्रवाई ने एक बार फिर जेल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की छापेमारियां आगे भी जारी रहेंगी और किसी भी कैदी या जेलकर्मी की संलिप्तता पाए जाने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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